परचम कुशाई से हुआ शाहदाना वली के सात रोज़ा उर्स का आगाज।

बरेली। कुतुबे बरेली सरकार शाहदाना वली का सात रोज़ा उर्स का आगाज़ आज परचम कुशाई की रस्म के साथ हो गया।परचम कुशाई की रस्म दरगाह आला हज़रत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी(अहसन मियां) ने अदा की। दिन में मलूकपुर लाल मस्जिद स्थित हाजी अज़हर बेग के निवास से जुलूस परचम कुशाई निकाला गया। रात में नातिया मुशायरा शुरू हुआ जो देर रात तक जारी था। दरगाह शाहदाना वली के मीडिया प्रभारी वसी वारसी ने बताया कि आज उर्स की शुरुआत बाद नमाज-ए-फजर कुरान ख्वानी से हुई। दिन में दूर दराज से आने वाले अकीदतमंदो का हाजिरी देने के लिए तांता लगा रहा। दोपहर बाद मलूकपुर लाल मस्जिद स्थित हाजी अज़हर बेग के निवास से दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन रजा कादरी(अहसन मियां) की सरपरस्ती में जुलूस-ए-परचम रवाना हुआ जो अपने कदीमी रास्ते मलूकपुर से शुरू होकर दरगाह आला हजरत सलामी देने के बाद बिहारीपुर ढाल,खलील तिराहा,नावेल्टी चौराहा,आज़म नगर के रास्ते श्यामगंज होता हुआ दरगाह शाहदाना वली पर पहुंचा। इससे पहले मलूकपुर पर महफ़िल का आगाज़ तिलावते कुरान से किया गया। हाजी गुलाम सुब्हानी व चंदा मियां ने मिलाद ए पाक पढ़ी। यहां दरगाह शाहदाना वली के मुतावल्ली अब्दुल वाजिद खान नूरी ने कहा कि सरकार शाहदाना वली का दर कौमी एकता का प्रतीक है यहां से मुसलमान ही नही बल्कि हिन्दू भाई भी फैज़ हासिल कर रहे है। सूफी खानकाही बुजुर्गों ने हमेशा अमन का पैगाम दिया। जुलूस आयोजक हाजी अज़हर बेग ने दरगाह आला हज़रत के सज्जादनशीन मुफ्ती अहसन मियां,दरगाह शाहदाना वली के मुतावल्ली अब्दुल वाजिद खान नूरी,दरगाह आला हजरत के,नासिर कुरैशी,मौलाना जाहिद रज़ा,मुजाहिद रज़ा क़ादरी,शाहिद खान नूरी, औरंगज़ेब नूरी,ताहिर अल्वी,सय्यद शाबान अली,सय्यद फुरकान अली,मंजूर रज़ा,अब्दुल कय्यूम खान,सलीम रज़ा क़ादरी,वसी अहमद,आदि की दस्तारबंदी कर इस्तकबाल किया। परचम सय्यद चमन अली लेकर चले।जुलूस में आधा दर्जन अंजुमनों ने शिरकत की। जुलूस अंजुमन आशिकाने साबिर पाक के तत्वाधान में निकाला गया। रास्तों में जगह-जगह जुलूस का स्वागत फूलों से किया गया। जुलूस की व्यवस्था अनवर बेग,फैजान बेग,इशरत नूरी,काशिफ सुब्हानी,सय्यद माजिद अली,आरिफ रज़ा,सबलू अल्वी,जफर बेग,अल्ताफ रज़ा,आशमीर रज़ा,नईम नूरी,सय्यद एजाज़,हसीन खान,आलेनाबी,समी खान,अजमल खान,फय्याज नूरी आदि लोगों ने संभाली। रात 10 बजे नातिया मुशायरा शुरू हुआ। जिसकी सदारत सूफी रिज़वान रजा खा साहब ने की। शायर असरार नसीमी में पढ़ा जो किस्मत से दरे सरकार का दरबान हो,वो रुतबे में शहिनशाहों का सुल्तान होता है। अमन तिलियापुरी ने पढ़ा तुम्हारी जालियां चूमे उन्हें आखों से मस कर ले, हर इक मोमिन के दिल में एक अरमान होता है। दुलारे फारूकी ने ये कलाम पेश किया वहां जन्नत के फूलों की सी आयेगी महक तुमको,जहा दाना वली का गुलदान हो। शायर बिलाल राज़,नज़र बरेलवी,सलमान आरिफ, हयात बरेलवी,रईस विधौलवी,शराफत शेरी,मोहम्मद अली अल्वी,अतहर बरेलवी ने भी कलाम पेश किए। इंतेजामिया कमेटी यूसुफ इब्राहीम, गुल्लाना खा,दाना गुफरान खा , अकरम दाना गफूर पहलवान,महबूब साबरी,मिर्ज़ा शाहाब बेग,शीरोज सैफ कुरैशी,शान खान,अब्दुल सलाम नूरी,सईद खान,सय्यद मुदस्सिर अली आदि सहित बड़ी तादाद में लोग मौजूद रहे। मीडिया प्रभारी वसी अहमद वारसी ने बताया कल बाद नमाज़ ए असर शाम 5:00 बजे जुलूस ए गागर चक चुग्गी से निकला जाएगा ।