गाजियाबाद। गाजियाबाद जनपद निवासी और धौलाना विधानसभा से बसपा के पूर्व विधायक असलम चौधरी अपने कार्यकलापों से अक्सर मीडिया व सोशल मीडिया में चर्चाओं में बने रहते हैं। हाल ही में दो करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में 23 अगस्त 2024 को असलम चौधरी के गाजियाबाद के एमपी-एमएलए कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी हो जाने के बाद, गाजियाबाद पुलिस ने बेहद तत्परता दिखाते हुए उनको 25 अगस्त को उत्तराखंड के रुड़की से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद पुलिस ने असलम चौधरी को 26 अगस्त को गाजियाबाद न्यायालय में ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया था, जहां उनको एक दिन की सशर्त अंतरिम जमानत मिल गई थी।जिसके बाद असलम चौधरी 27 अगस्त को अपनी नियमित जमानत के गाजियाबाद के एमपी-एमएलए न्यायालय पहुंचे, जहां पर असलम चौधरी के अधिवक्ता वरुण त्यागी की लंबी बहस के बाद उन्हें 50-50 हजार के दो जमानती दाखिल करने आदेश के साथ नियमित जमानत मिल गयी। जिसके बाद असलम चौधरी जब न्यायालय से अपने समर्थकों के बीच आये तो उनके समर्थकों ने खुशियों की लहर दौड़ गई।यहां आपको बता दें कि पूर्व विधायक असलम चौधरी पर आरोप है कि 7 सितंबर 2022 को वह अपने साथियों के साथ करोड़ों की जमीन कब्जा करने पहुंचे थे, इस दौरान जमीन मालिक आदिल राजा से जमीन छोड़ने के बदले असलम चौधरी ने 2 करोड़ रूपए की रंगदारी मांगी थी। जिस मामले में असलम चौधरी व अन्य लोगों के खिलाफ लगभग एक वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद एफआईआर दर्ज की गई थी, जो मामला अब गाजियाबाद न्यायालय के एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा है, जहां पर असलम चौधरी और उनके साथी जुबेर टाटा, जुनैद टाटा के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किये थे। जिस मामले में पुलिस के द्वारा असलम चौधरी को गिरफ्तार करने के बाद से यह मामला सुर्खियों में छाया हुआ था। लेकिन आज असलम चौधरी के अधिवक्ता वरुण त्यागी व जुबेर टाटा और जुनैद टाटा के अधिवक्ता नितिन यादव ने इनकी जमानत करवा के फिलहाल मामले का पटाक्षेप कर दिया है।