देश के प्रसिद्ध कवि एवं साहित्यकारों ने डॉ. उर्मिलेश को उनकी 16वीं पुण्यतिथि पर किया स्मरण
सोशल मीडिया के माध्यम से कवियों, शुभचिंतकों ने किया डॉ. उर्मिलेश को याद*
बदायूं । बदायूं जनपद साहित्यिक उर्वरा भूमि है और इसको हिन्दी साहित्य में प्रसिद्धि दिलाने में प्रख्यात कवि एवं ग़ज़लकार डॉ. उर्मिलेश के योगदान को युगों-युगों को याद किया जायेगा। यूूं तो डॉ. उर्मिलेश के निधन को 16 वर्ष हो गये किन्तु उनकी साहित्य के प्रति अमूल्य योगदान अर्थात उनके कृतित्व एवं चमत्कृत व्यक्तित्व के कारण वे साहित्यप्रेमियों के मनमस्तिष्क में आज भी छाये हुये हैं, इसी कारण आज यानी 16 मई को उनकी 16वीं पुण्यतिथि में उनको सोशल मीडिया के माध्यम से हिन्दी साहित्य व काव्य मंच के वरिष्ठ एवं प्रसिद्ध कवियों उनके अनन्य शुभचिंतक द्वारा डॉ. उर्मिलेश को अपने अपने माध्यम से याद किया और श्रद्धांजलि दी गई। हास्य व्यंग के वरिष्ठ कवि डॉ. सुरेश अवस्थी, प्रसिद्ध गीतकार डॉ. विष्णु सक्सेना, प्रख्यात ओज कवि विनीत चौहान, हास्य व्यंग के प्रख्यात कवि सर्वेश अस्थाना, संचालक व कवि प्रवीण शुक्ल, कवि दीपक सैनी, ओजकवि नरेश निर्भीक, पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव, भाजपा नेता राजीव गुप्ता, कवि नरेंद्र गरल, कवि आनंद गौतम, कवि विनय कुमार सिंह, भारत शर्मा, कवि कुलदीप अंगार, डा शुभ्रांशु माहेश्वरी, पूजा मिग्रा दक्ष, कवि अभिषेक अनंत, प्रदीप शर्मा, शिक्षाविद डा शैलेश कुमार सिंह, सुनी मिग्रा, रविंद्रमोहन सक्सेना, दीपक सक्सेना, अवधेश माहेश्वरी, काव्या शंखधार, प्रणव शर्मा, सिद्धार्थ मिश्रा, शिवकुमार यादव, आदेश शर्मा, प्रशांत भूषण, तेजस्वी अवस्थी एवं मीडिया जगत ने अपने अपने माध्यम से डॉ. उर्मिलेश की स्मृतियों को याद करते हुये उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

*लॉकडाउन के कारण डॉ. उर्मिलेश की पुण्यतिथि पर सादगी से किया गया उन्हें याद, पौधारपण कर लिया संकल्प*डॉ. उर्मिलेश के पुत्र डॉ. अक्षत अशेष ने बताया कि कोरोना संक्रमण एवं लाकडाउन के कारण डॉ. उर्मिलेश की 16वीं पुण्यतिथि पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष कोई सामाजिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ। कोविड 19 महामारी के सभी को सुरक्षित और स्वस्थ रहना है, अंत: बचाव के दृष्टिगत डा उर्मिलेश के पुत्र डा अक्षत अशेष ने संक्षिप्त रूप में अपने आवास पर अपने दोनों पुत्रों आगम अशेष और विराज अशेष के साथ पौधे रोपित कर वर्ष भर में 500 पौधे लगाने का संकल्प लिया। उन्होने कहा कि वर्तमान में महामारी से हम सबको यह सबक लेना होगा कि हम अपने वातावरण को अधिक से अधिक स्वस्थ स्वच्छ रख सकें, इस लिए आज यह संकल्प ले रहे हैं कि इस साल न्यूनतम 500 सुरक्षित वृक्ष रोपित कर उनकी देखभाल की जाये। *बोरियाकला, रायपुर, छत्तीसगढ़ के युवा चित्रकार मुकेश ध्रुव द्वारा डा उर्मिलेश की पुण्यतिथि पर एक स्कैच बनाया है, जो उन्होंने आज डा उर्मिलेश के पुत्र डा अक्षत अशेष को भेजा।*




















































































