बरेली। कृष्णानगर कालोनी में चल रहे सहस्त्रचण्डी यज्ञ एवं श्रीमद् भागवद् महापुराण कथा के तीसरे दिन सुप्रसिद्ध कथा व्यास आचार्य रमाकान्त दीक्षित ने परमात्मा के स्वरूप की कथा सुनाई, उन्होंने कहा कि संसार भगवान का सबसे सुन्दर बगीचा है इसमें 84 लाख योनियों के रुप में विभिन्न प्रकार के फूल खिले हैं जब इन्हे कोई नष्ट करने की चेष्टा करता है तब भगवान इस पावन धरा धाम पर अवतार लेकर भक्तो का कल्याण एवं दुर्जनों का संहार करते हैं। समुद्र मंथन की कथा सुनाते हुये कहा कि मानव का हृदय ही सागर है। मनुष्य के अच्छे और बुरे विचार ही देवता और दानवो का मंथन हैं, इस मंथन में जिस मनुष्य के अन्दर दानव जीत गया उसका जीवन दुःखी एवं परेशान है और देवता के जीत जाने पर व्यक्ति सुखी, सन्तुष्ट और भगवत भक्ति से भरा हुआ होगा, इसलिये मन में सदैव सुविचारों पर चिंतन करना चाहिए। वहीं इससे पूर्व प्रातः कालीन सत्र में यज्ञशाला में सहस्त्रचंडी यज्ञ सुचारू रहा। यज्ञाचार्य मोहित शास्त्री ने भक्तजनों से शास्त्रोंक्त विधि विधान से मंत्रोच्चार के साथ आहुतियां दिलवाई। इस अवसर पर राजरानी, रामसेवक, अजय शर्मा, दीपेश,निशी अग्रवाल, छाया दीक्षित, सविता दीक्षित,गरिमा, विजय कमांडो, मीडिया प्रभारी एडवोकेट हर्ष कुमार अग्रवाल, विष्णु शुक्ला, सुभाष अग्रवाल, नवीन अग्रवाल,विवेक मित्तल,निशांत अग्रवाल, श्याम बिहारी गोयल, अनुराग अवस्थी समेत काफी संख्या में ब्राहाम्ण व भक्तगण उपस्थित रहे।