हजरत शाह सकलैन एकेडमी ने पैगंबरे इस्लाम का अपमान करने वाले रामगिरी पर कर्रवाही की मांग

बरेली। पैगंबरे इस्लाम का अपमान करने वाले रामगिरी महाराज के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग करते हुए खानकाहे सकलैनिया शराफतिया से जुड़े लोग और हजरत शाह सकलैन एकेडमी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाजी लतीफ़ कुरेशी के नेतृत्व में शांतिपूर्वक मार्च निकलाते हुए जिला अधिकारी कार्यालय पर महा माहिम राष्ट्रपति को समोधित सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया। मोहम्मद हमजा सकलैनी ने कहा कि पैगंबरे इस्लाम का अपमान करने वाले वाले हिन्दू धार्मिक गुरु रामगिरि के खिलाफ बरेली में लगातार प्रदर्शन का दौर जारी है। इसी क्रम में खानकाहे सकलैनिया शराफतिया से जुड़े दर्जनों लोगों ने शांतिपूर्वक मार्च किया । इस मौके पर खानकाहे सकलैनिया से जुड़े लोगों ने बताया कि 15 अगस्त को महाराष्ट्र के नासिक जिले के सित्तार तालुका स्थित पाँचले गांव में रामगिरी महाराज नामक व्यक्ति ने अपने एक धार्मिक कार्यक्रम में खुले मंच से पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम के पवित्र चरित्र पर बड़ी अभद्र व आपत्तिजनक टिप्पणी कर उनकी शान में गुस्ताखी की है, जिसे लेकर देश सहित संपूर्ण विश्व में मुसलमानों एवं इंसानियत पसंद लोगों में गुस्सा और बहुत आक्रोश व्याप्त है।देश भर में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं और सरकार से मांग की जा रही है कि धार्मिक गुरु रामगिरी को जल्द गिरफ्तार कर सख्त कार्यवाही की जाए। लेकिन महाराष्ट्र पुलिस द्वारा तीन जनपदों में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी उसको गिरफ्तार नहीं किया गया है। आज इस्लाम धर्म पर मुसलमानों पर और हमारे अध्यात्मिक गुरुओं व महान पूर्वजों पर आए दिन गलत टिप्पणियां की जा रहीं हैं और निरंतर अपमानित करने का काम खुले आम हो रहा है। मुसलमान सब कुछ बर्दाश्त कर सकता है लेकिन नबी की शान में किसी भी तरह की गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं कर सकता। साथ ही किसी भी धर्म या पूर्वजों पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर अपमान करने वाले व धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाने वालों के खिलाफ कोई सख्त कानून पास किया जाए। खानकाहे सकलैनिया ने हुकूमते हिंद से मांग है कि ऐसी कोई पहल और कोशिश की जाए जिससे देश में बढ़ती नफरतों का खात्मा हो और आपस में मोहब्बतें कायम हों, एक दूसरे के धर्म का सब सम्मान करें और सभी संविधान एवम् अपने-अपने धर्म के आधार पर प्रेम व सौहार्द के साथ रहें।