बदायूं। आर्यसमाज के प्रसिद्ध समाजसेवी विद्वान एवं जिला आर्य प्रतिनिधि सभा के मंत्री पं. ज्ञानदेव आर्य सिद्धांतालंकार के सद्प्रयासों से आर्यसमाज रसूलपुर कलां में कोरोना निवारण महायज्ञ 11 मई से प्रारम्भ होकर पूर्णाहुति के उपरान्त आज सम्पन्न हो गया। इस महायज्ञ में रोग निवारक विशिष्ट सामग्री एवं विशुद्ध देशी घी का बड़ी मात्रा में प्रयोग किया गया। काविड गाइडलाइन का पालन करते हुए यज्ञ व्यवस्था सम्पन्न की गई। पूर्णाहुति के अवसर पर पं. ज्ञानदेव आर्य ने यज्ञ की महिमा बताते हुए कहा कि यज्ञ ब्रह्माण्ड की नकल है, ब्रह्मांड में यज्ञ हो रहा है, परमात्मा का यज्ञ निरंतर चल रहा है। प्राचीन भारत में प्रतिदिन प्रत्येक गृह में यज्ञ सम्पन्न होता था जिससे वातावरण विशुद्ध रहता था, वायु विशुद्ध रहती थी। सारी जनता स्वस्थ और निरोगी रहती थी। आज प्रकृति के अत्यन्त दोहन से वायु प्रदूषित हो गयी है, विविध प्रकार के रोग फैल रहे हैं। आर्य समाज अपने स्थापनाकाल से ही यज्ञों की उपायोगिता संज्ञान में लाकर उसे अपनाने का अनुरोध करता चला आ रहा है, जिन्होंने इसे अपनाया है वे लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा पूरा देश कोरोना महामारी के दंश से व्यथित है। तमाम सरकारी एवं समाजसेवी संगठनों के निरन्तर प्रयास के बाबजूद यह हमको अपनों से विलग कर रहा है। मौतों की इस भयंकर त्रासदी से निजात पाने के लिए सार्वजनिक स्थलों पर विशेष यज्ञों का किया जाना लाभप्रद होगा। हमारा कोरोना से युद्ध जारी है। हम शीघ्र ही विजयी होंगे और इसे नष्ट करने में सफल होंगे। इस अवसर पर सौदान सिंह, होरीलाल, जयवीर सिंह आदि उपस्थित रहे।