गंगा फिर उफान पर, खादर से खेतों की ओर बढ़ने लगा पानी

अनूपशहर/अहार/नरौरा। बिजनौर बैराज से छोड़े गए 1.82 लाख क्यूसेक पानी के चलते गंगा नदी एक बार फिर उफान पर है। गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ खादर से खेतों की ओर पानी बढ़ने लगा है। इसे देख किसानों को फसलों की चिंता सताने लगी है। अनूपशहर में जलस्तर आरती स्थल और घाटों तक पहुंच गया है। नरौरा बैराज पर भी जलस्तर में इजाफा हुआ है। मानसून की बारिश शुरू होते ही गंगा का जलस्तर कई बार बढ़ चुका है। पिछले दिनों बढ़े जलस्तर से गंगा किनारे हजारों बीघा खेतों में पानी भर गया। पानी गांव के रास्तों तक पहुंच गया था। इसके कम होने पर किसानों ने राहत की सांस ली और लग रहा था कि अब जलस्तर में इजाफा नहीं होगा। वहीं, अब पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के चलते बृहस्पतिवार को बिजनौर बैराज से 1.82 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जो शुक्रवार को जिले की सीमा में प्रवेश कर गया।गंगा जलस्तर इस कदर बढ़ गया कि पानी खादर से होकर खेतों तक पहुंच गया। एक बार फिर फसलों में पानी भरने के कारण किसानों को अपनी फसलों की चिंता सताने लगी है। अहार क्षेत्र के किसान यशवीर और सतेंद्र आदि ने बताया कि पिछले दिनों खेतों में भरा पानी अभी सूखा भी नहीं कि अब फिर से पानी भर गया। ऐसे में अब फसलों के खराब होने की चिंता सताने लगी है। वहीं, चारे का संकट भी गहराने लगा है।अनूपशहर में बढ़े गंगा के जलस्तर के चलते सभी घाट और आरती स्थल तक पहुंच गया। अवर अभियंता ड्रेनेज उमेश कुमार ने बताया कि अभी जलस्तर में लगातार इजाफा हो रहा है। देर रात तक पानी आरती स्थल के साथ घाटों से आबादी तक पहुंच सकता है। कटान की भी आशंका है। एसडीएम अनूपशहर नवीन कुमार का कहना है कि गंगा में बढ़े जलस्तर को देखते हुए सभी बाढ़ चौकियों को नजर रखने के निर्देश दिए हैं। श्रद्धालुओं से गहरे पानी में स्नान न करने और लोगों व किसानों से खादर में न जाने के लिए कहा गया है।24 घंटे में 42 हजार क्यूसेक बढ़ा पानीनरौरा बैराज पर जलस्तर में उतार-चढ़ाव के बीच नरौरा गंगा बैराज पर पिछले 24 घंटे में जलस्तर में 42 हजार क्यूसेक की वृद्धि हुई है। बैराज के जललेखा सहायक देवेश कुमार ने बताया कि शुक्रवार को बैराज से नदी की डाउन स्ट्रीम में 128716 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। जबकि बैराज से निकली एलजीसी व पीएलजीसी नहरों में क्षमतानुसार पानी की निकासी की जा रही है। जबकि वृहस्पतिवार को बैराज से नदी की डाउन स्ट्रीम में 86603 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही थी। जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है।काली नदी में फिर बढ़ा पानी, फसलें डूबी बारिश के बाद फिर से काली नदी का पानी भर जाने से सैकड़ों बीघा फसल डूब गई। इससे किसानों को अपनी फसलों के खराब होने की चिंता सताने लगी है। किसानों का कहना है कि पिछले दिनों नदी का पानी भरने से काफी फसल खराब हो चुकी है। अब एक बार फिर से फसलों में पानी भर गया है। खेतों में पानी भरने से चारे का संकट भी गहराने लगा है।