लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अयोध्या में 12 वर्षीय बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के मामले पर बयान दिया है। उन्होंने सोशल साइट एक्स पर कहा कि जो भी आरोपी है उसका डीएनए टेस्ट करवाकर इंसाफ किया जाए न कि आरोप लगाकर सियासत की जाए। इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने पलटवार करते हुए उनसे पूछ लिया कि सपा सरकार में कितने डीएनए टेस्ट करवाए गए थे। अखिलेश यादव का ये बयान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा में दिए गए उस भाषण के कई दिनों बाद आया है जिसमें उन्होंने सपा को अपराधियों का संरक्षक बताया था और हर अपराधी पर कड़ी कार्रवाई करने की बात दोहराई थी।शनिवार को दुष्कर्म के आरोपी सपा नेता मोईद खान की बेकरी पर बुलडोजर चला दिया गया था। जांच में पता चला कि आरोपी ने यह बेकरी भूमि पर अवैध कब्जा कर बनवाई थी। इस दौरान यूपी सरकार के मंत्री डॉ. संजय निषाद भी अयोध्या पहुंचे और मामले में अखिलेश यादव को निशाने पर ले लिया। उन्होंने कहा कि वो अब तक इस मामले में चुप क्यों हैं? आरोपी को पार्टी से क्यों नहीं निकाला है? इसके बाद अखिलेश ने एक्स पर बयान दिया है कि कुकृत्य के मामले में जिन पर भी आरोप लगा है उनका डीएनए टेस्ट कराकर इंसाफ का रास्ता निकाला जाए न कि केवल आरोप लगाकर सियासत की जाए। जो भी दोषी हो उसे कानून के हिसाब से पूरी सजा दी जाए लेकिन अगर डीएनए टेस्ट के बाद आरोप झूठे साबित हों तो सरकार के संलिप्त अधिकारियों को भी न बख्शा जाए। यही न्याय की मांग है। इस पर मायावती ने एक्स पर बयान दिया है कि यूपी सरकार द्वारा अयोध्या के सामूहिक दुष्कर्म मामले में आरोपी के विरुद्ध की जा रही सख्त कार्रवाई उचित है लेकिन सपा द्वारा यह कहना कि आरोपी का डीएन टेस्ट होना चाहिये, इसे क्या समझा जाए। जबकि सपा को यह भी बताना चाहिए कि उनकी सरकार में ऐसे आरोपियों के खिलाफ कितने डीएनए टेस्ट हुए हैं।उन्होंने आगे कहा कि यूपी में अपराध नियंत्रण व कानून-व्यवस्था में भी खासकर महिला सुरक्षा व उत्पीड़न आदि को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच अयोध्या व लखनऊ आदि की घटनाएं अतिदुखद व चिन्तित करने वाली हैं। सरकार इनके निवारण के लिए जाति-बिरादरी और राजनीति से ऊपर उठकर सख्त कदम उठाए तो बेहतर होगा। मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर बुलडोजर की मदद से उसकी बेकरी ढहा दी और लाइसेंस रद् करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।