बरेली। उर्से नूरी के ताल्लुक से दरगाह आला हजरत स्थित नूरी गेस्ट हाउस परिसर में बैठक का आयोजन किया गया,बैठक को सम्बोधित करते हुए रज़ा एकेडमी के प्रमुख अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी ने कहा कि अहले बैत से मोहब्बत ईमान की मज़बूती, हज़रत इमाम हुसैन ने हम सबको हक़ के रास्ते दिये। 44वें उर्स-ए-नूरी बरेली शरीफ के साथ देशभर में मनाया जाएगा,रज़ा एकेडमी के प्रमुख अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी ने अलग-अलग राज्यो में पूर्व में ही बैठके कर आयोजन की व्यवस्था की है,20 जुलाई को देररात नूरी गेस्ट हाऊस में 1 बजकर 40 मिनट पर मुफ़्ती आज़म हिन्द के कुल शरीफ की रस्म अदायगी होगी,बाद नमाज़े मगरिब लंगर होगा, कुल की महफ़िल में ज़रूरतमंदों को थर्मस बाटे जाएंगे। हजरत सईद नूरी जो हमेशा अपने नाम के आगे असीर ए मुफ्ती आजम लगाते है, कहते हैं कि भारत में हजरत मुफ्ती आजम द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्य बाकी दुनिया के लिए प्रकाश की किरण हैं, खासकर जब नसबंदी का युग आया, तो उन्होंने साहस दिखाया। बरेली शरीफ के इस दरवेश कामिल ने अपनी कलम की ताकत से सरकार को चुनौती दी और कहा कि मुसलमानों के लिए नसबंदी हराम है, हराम है, हराम है। इसी प्रकार, जब शुद्धि आंदोलन शुरू हुआ, जिसमें भारत के मुसलमानों की आस्था और विश्वास को गंभीर खतरा हुआ, तो उन्होंने हजारों मुसलमानो का ईमान बचाया। आज वे इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए संरक्षित हो गये। अंत में खलीफा ताज अल-शरिया हजरत सईद नूरी ने कहा कि 44वें उर्स नूरी का निमंत्रण लेकर हम जहां भी गए, लोगों ने हमारा जोरदार इस्तक़बाल किया और हमें आश्वासन दिया कि हमें उर्स नूरी में भाग लेने का सौभाग्य मिलेगा। हिंदुस्तान के मशहूर नातख़्वाह नूरी मियाँ अहमद रज़ा की नई एल्बम मुफ़्ती ए आज़म हिन्द आ जाईये ,जारी हो रही है जिसकी इफ्तिदा नबीरा ए आला हजरत मौलाना तौसिफ रज़ा ख़ाँ करेंगे। बैठक में पम्मी खान वारसी, हाजी इक़रार नूरी,गौहर अली ख़ाँ, मो मुस्तफ़ा रज़ा ख़ाँ,मौलाना अहमद रज़ा नूरी, फारुख रज़वी,जुनैद रज़वी,दानिश रज़वी, सिद्दीक रज़वी,अनस अली, सलीम रज़वी आदि शामिल रहे।