दिल्ली-देहरादून हाईवे पर हादसे में चार कांवड़िए घायल, सरसावा में आसमान में गरजे लड़ाकू विमान

मेरठ। मुजफ्फरनगर में दिल्ली देहरादून हाईवे पर मंसूरपुर क्षेत्र में हरिद्वार जा रहे कांवड़ियों की ट्रेक्टर ट्राॅली में ट्रक ने टक्कर मार दी। हादसे में चार कांवड़िए घायल हो गए। हापुड़ से ट्रैक्टर-ट्राॅली में डाक कावड़ लेने के लिए 12 कांवड़ियां हरिद्वार जा रहे थे। मंसूरपुर क्षेत्र में देव राणा होटल के पास एक ट्रक ने पीछे से ट्राली में टक्कर मार दी। चार कावड़िया हापुड़ निवासी नितिन (23) ,अभिषेक (22),तरुण 18 मनोज (35) वर्ष घायल हो गए।सूचना पाकर पुलिस पहुंची और पुलिस ने घायलों को बेगराजपुर मेडिकल में उपचार दिलाया। अभिषेक ने जाने से इनकार कर दिया और वह अभी अस्पताल में ही उपचार कर रहा है। अन्य सभी कावड़िया अपनी मंजिल के लिए रवाना हो गए।रामपुर मनिहारान कस्बे के ईदगाह रोड पर मेले में लगने वाले झूलों की रखवाली कर रहे दो लोगों को देर रात कुछ लोगों ने मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। इनमें नेपाल निवासी एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि गंभीर रूप से घायल उसके साथी को पुलिस ने जिला अस्पताल भर्ती कराया।शुक्रवार देर रात मेलों में लगने वाले झूलों की रखवाली कर रहे आशीष पुत्र व बहादुर निवासी नेपाल और मोहम्मद सलीम पुत्र तहसीन अहमद निवासी मेरठ का कुछ लोगों के साथ खाने-पीने को लेकर झगड़ा हो गया। इसमें दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भर्ती कराया। जहां पर चिकित्सकों ने आशीष पुत्र बहादुर (24) को मृत घोषित कर दिया। जबकि सलीम पुत्र तहसीन को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।शनिवार को कारगिल विजय के रजत जयंती के मौके पर सरसा वायु स्टेशन पर एयर शो हुआ। इस दौरान आसमान में विमानों की तेज आवाज के कारण हुई गड़गड़ाहट से नागरिकों की निगाहें सीधे आसमान पर टिक गईं।एयर शो के दौरान आकाशगंगा टीम के कमांडो 10000 फीट की ऊंचाई से उतरे। मिसाइल तथा मशीनगनों से लैस एमआई 17 हेलीकॉप्टर से वायु सेवा के गरुड़ कमांडो रस्से के सहारे नीचे उतरे। एक एएन 32 और दो डोर्नियर विमान एक फॉर्मेशन में उड़ते हुए आए। गरुड़ कमांडो काफी दूर तक हवा में सैकड़ों फुट की ऊंचाई पर हवा में हेलीकॉप्टर के सहारे लटके हुए ऑपरेशन के लिए गए।फाइटर जेट अंबाला से उड़कर वायुसेना स्टेशन सरसावा के मैदान के ऊपर से तेजी से निकले। जगुआर विमान त्रिशूल फॉर्मेशन में निकले। बेहद मारक अपने लक्ष्य को सटीकता से भेदने वाले सुखोई 30 जेट विमान को उड़ा रहे पायलट ने ने हवा में हैरतअंगेज तरीके से विभिन्न मुद्राएं बनाकर अपनी शानदार संतुलन क्षमता का परिचय दिया।सुखोई 30 ने 1200 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से उड़ते हुए सैकड़ो फुट की ऊंचाई से नीचे जमीन पर बने टारगेट पर बम बरसाए।