85 हजार वाली विशाल सेना का सामना महाराणा प्रताप ने अपने 20 हजार सैनिकों से किया: ओमकार सिंह
बदायूँ। जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ओमकार सिंह के नेतृत्व में कांग्रेसजनों ने महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर कलेक्ट्रेट स्थित महाराणा प्रताप चौक पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर मालार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की इस अवसर पर ओमकार सिंह ने कहा आज के दिन ही यानी 09 मई को महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान के मेवाड़ में हुआ था. हर साल देशभर में महाराणा प्रताप की जयंती धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाई जाती है. इस साल महाराणा प्रताप की 484वीं जयंती मनाई जाएगी. उन्होंने कई युद्ध में मुगलों को हार की धूल चटाई. उन्होंने कहा महाराणा प्रताप मेवाड़ के वीर योद्धा के साथ ही शौर्य, पराक्रम और साहस के लिए भी जाने जाते हैं. महाराणा प्रताप की अनंत कहानियां इतिहास के पन्नों पर अंकित है इसके साथ ही इस वीर योद्धा पर कई फिल्में बनाई गई, पुस्तक लिखे गए और शोध भी हुए. लेकिन इन सभी के बावजूद आज भी लोगों में महाराणा प्रताप के बारे में जानने की उत्सुकता रहती है उन्होंने कहा महाराणा प्रताप का जन्म 09 मई 1540 को राजस्थान के मेवाड़ में राजपूताना राजघराने में हुआ था. इनके पिता का नाम उदय सिंह द्वितीय और माता का नाम महारानी जयंवता बाई था.
महाराणा प्रताप सभी भाई-बहनों में सबसे बड़े थे. इन्होंने मुगलों द्वारा बार-बार हुए हमलों से मेवाड़ की रक्षा की. इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष सोमेंद्र यादव ने कहा महाराणा प्रताप और मुगलों के बीच कई युद्ध हुए और उन्होंने हमेशा मेवाड़ की रक्षा की. लेकिन 1576 में महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुआ हल्दी घाटी युद्ध बहुत ही भयावह था उन्होंने कहा इस युद्ध की तुलना महाभारत युद्ध से की जाती है. कहा जाता है कि हल्दी घाटी युद्ध में अकबर के 85 हजार वाली विशाल सेना का सामना महाराणा प्रताप ने अपने 20 हजार सैनिकों से किया. बुरी तरह से जख्मी होने के बाद भी महाराणा प्रताप अकबर के हाथ नहीं आए. इस तरह से महाराणा प्रताप ने अपने कौशल और युद्ध कला का परिचय दिया. इस अवसर पर अंकित चौहान ने कहा महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर हम उनके महान बलिदान और वीरता को सम्मानित करते हुए उनके आदर्शों से प्रेरणा लेने का संकल्प करते हैं। यह अवसर हमें उनकी महानता को सलाम करने और उनके योगदान को याद करने का अवसर देता है। अपने प्रियजनों के साथ इस विशेष दिन को साझा करते हुए हम उनकी वीरता और साहस की कहानियों को याद कर सकते हैं। जयंती के उपरांत जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ओमकार सिंह के नेतृत्व में कांग्रेसजन रायबरेली को रवाना बताते चले जिले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष ओमकार सिंह की मेहनत को देखते हुए पार्टी हाईकमान ने ओमकार सिंह को रायबरेली में पहुँचने का निर्देश दिया निर्देश प्राप्त होते ही जिलाध्यक्ष ओमकार सिंह महारणा प्रताप की जयंती के अवसर पर महारणा प्रताप को श्रद्धांजलि देकर सीधे रायबरेली को निकल गए।