दुर्गा मंदिर प्रांगण में भगवान महर्षि कश्यप जयंती धूमधाम से मनाई
बदायूँ। आज कश्यप युवा वाहिनी की ओर से भगवान महर्षि कश्यप जयंती के अवसर पर दुर्गा मंदिर प्रांगण मे उनके चित्र पर माल्यार्पण कर प्रारंभ की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज बरिष्ठ नेता नन्हें लाल कश्यप ने की एवं सचालंन पवन कश्यप ने किया। कश्यप युवा वाहिनी के अध्यक्ष पुनीत कुमार कश्यप ने कहा कि कश्यप ऋषि एक वैदिक ऋषि थे। इनकी गणना सप्तर्षि गणों में की जाती थी। हिंदू मान्यता के अनुसार वह ऋग्वेद के सात प्राचीन ऋषियों, सप्तर्षियों में से एक हैं । बृहदारण्यक उपनिषद में कोलोफ़ोन छंद में सूचीबद्ध अन्य सप्तर्षियों के साथ, कश्यप सबसे प्राचीन और सम्मानित ऋषि हैं।इनके पिता ब्रह्मा के पुत्र मरीचि ऋषि थे। इन्हे परमपिता ब्रह्मा का अवतार माना गया है।

माना जाता है कि द्वापर युग में कश्यप प्रजापति ही भगवान विष्णु के कृष्णावतार में उनके पिता वसुदेव थे तथा उनकी प्रथम पत्नी अदिति देवकी और उनकी द्वितीय पत्नी दिति रोहिणी थीं। वाहिनी के महासचिव विनय कुमार कश्यप ने कहा कि उन्होंने कहा कि उनकी संतान के रूप में कश्यप समाज खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। भारतीय संस्कृति सनातन धर्म की देन है और सनातन धर्म की स्थापना भी भगवान महर्षि कश्यप के कारण ही प्रबल हुई। हमें महर्षि कश्यप के जीवन दर्शन से सीख लेकर सदमार्ग को चुनना चाहिए। उन्होंने कहा कि महर्षि कश्यप के माध्यम से जिस समाज की उत्पत्ति हुई थी, उसमें महाराजा निषादराज, कालू बाबा व वीर एकलव्य जैसे धनुरधारी पैदा हुए। वाहिनी उपाध्यक्ष धर्मवीर कश्यप ने कहा कि महर्षि कश्यप ने अधर्म का पक्ष कभी नहीं लिया, चाहे इसमें उनके पुत्र ही क्यों न शामिल हों। महर्षि कश्यप राग-द्वेष रहित, परोपकारी, चरित्रवान और प्रजापालक थे। वे निर्भीक एवं निर्लोभी थे। कश्यप मुनि निरन्तर धर्मोपदेश करते थे, जिनके कारण उन्हें ‘महर्षि’ जैसी श्रेष्ठतम उपाधि हासिल हुई। समस्त देव, दानव एवं मानव उनकी आज्ञा का अक्षरशः पालन करते थे। उन्हीं की कृपा से ही राजा नरवाहनदत्त चक्रवर्ती राजा की श्रेष्ठ पदवी प्राप्त कर सका। इस मौके पर नरेश कश्यप, अभिषेक कुमार कश्यप, हिमांशु कश्यप, रजत कश्यप, मैकू लाल कश्यप, अजीत कश्यप,रिखू कश्यप, दिलीप कश्यप, मनीश कश्यप, पिन्टू कश्यप, प्रशांत कश्यप, चेतन कश्यप, आदि लोग उपस्थित रहे।




















































































