सपा में एक और राजनीतिक विस्फोट, राष्ट्रीय सचिव योगेंद्र सिंह ने दिया इस्तीफा

लखनऊ।सपा मुखिया अखिलेश को भेजा इस्तीफा।शेरवानी की उपेक्षा से हुए आहत।योगेंद्र की शेरवानी के खास लोगों में गिनती।योगेंद्र सिंह है कद्दावर नेता।बदायूँ,सम्भल समेत कई जिलों में मजबूत पकड़।योगेंद्र के इस्तीफा से सपा में खलबली।शेरवानी के साथ सपा ज्वाइन की।सपा मुखिया पर उठाए सवाल।पीडीए का नारा देकर अन्य जातियो की उपेक्षा मुसलमानों को वोट को इस्तेमाल करते।मुस्लिमों की उपेक्षा का मुद्दा उठाया।धर्मेद्र के टिकट को शेरवानी ने पैरवी की।ठाकुर योगेंद्र सिंह तोमर का जनाधार।लम्बे समय से राजनीति व समाज सेवा में सक्रिय।इलाके के लोग उन्हें अपना मानते मसीहा

सपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी के प्रति पार्टी नेतृत्व की गलत नीतियों से बेहद आहत राष्ट्रीय सचिव ठाकुर योगेंद सिंह तोमर ने सपा के पद से त्यागपत्र दे दिया है। इससे बदायूँ, सम्भल,अलीगढ़ समेत कई जनपदों में सपा को झटका लगा है। उन्होंने सपा के रस्ट्रीय अध्यक्ष को इस्तीफा भेजा है इसमे कहा है कि
आपको अवगत कराना है कि देश में अपनी ईमानदारी, लोकप्रियता, साफ सुथरी छवि एवं व्यवहारकुशलता के लिए ख्यातिप्राप्त, समाजवादी नीतियों के प्रति समर्पित तथा 5 बार सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी जी के साथ ही मैंने सपा ज्वाइन की थी और पूरी निष्ठा कर्मठता व समर्पण के साथ पार्टी की सेवा करता रहा हूँ और वर्तमान में सपा के राष्ट्रीय सचिव के पद का दायित्व निर्वहन कर रहा हूं।

आप जानते ही होंगे कि श्री शेरवानी जी एक और जहां देश के अल्पसंख्यक समाज में लोकप्रिय है, वहीं दूसरी ओर वह अपनी सेकुलर छवि की बदौलत सामान्य वर्ग की जातियों विशेष तौर पर ठाकुरों एवं ब्राह्मणों तथा पिछड़े वर्ग के मध्य भी उन्होंने अपनी स्वीकार्यता दर्ज की है एवं यही कारण है कि वह सपा को मजबूती में अपना अहम योगदान करते रहे हैं। आपको स्मरण होगा कि आप कई बार श्री शेरवानी जी को इस वर्ष राज्यसभा में भेजने का आश्वासन देते रहे हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में बदायू लोकसभा सीट से अपने भाई श्री धर्मेन्द्र यादव को लड़ाने की घोषणा भी श्री शेरवानी जी के ऊपर दवाब देकर आपने सार्वजनिक तौर पर मंच से कराई थी। 6 फरवरी 24 को भी आपने शेरवानी जी से हुई मुलाकात में जनभावनाओं के मद्देनजर उन्हें राज्यसभा भेजने हेतु आपने पुनः आश्वस्त किया था। लेकिन अफसोस है कि आपने राज्यसभा हेतु अन्य तीन लोगों के नामों की घोषणा कर श्री शेरवानी जी के विश्वास को आपने ठेस पहुंचाई, जिससे पाटी के समर्पित नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को भारी निराशा एवं हताशा हुई है। हम आपसे जानना चाहते हैं कि आपक द्वारा राज्यसमा को भेजे जाने वाले श्री आलोकरंजन, श्रीमती जया बच्चन तथा उनकी बिरादरी का सपा की मजबूती में क्या योगदान रहा है?

मान्यवर, यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री रहे आपके पिताश्री मा श्री मुलायम सिंह यादव जी की कथनी करनी में कमी अंतर नहीं रहा एवं उनकी विश्वसनीयता अक्षुण्ण रही। यही कारण था कि वे स्वयं तो यूपी के 3 बार मुख्यमंत्री बने ही, साथ ही आपको भी मुख्यमंत्री बनवाया। अफसोस है कि आप आदरणीय नेताजी की विशाल विरासत को अपनी कार्यशैली एवं कारगुजारियों से खोते जा रहे हैं। आप इस तथ्य को भी झुठला नहीं पाएंगे कि आज तक यूपी में कोई भी सरकार सामान्य जातियों विशेष रूप से ठाकुर, ब्राह्मण के सहयोग के बिना नहीं बनीं, लेकिन आपने तो पी डी ए की घोषणा कर सामान्य वर्ग की जातियों को सपा से अलग रखने का रास्ता ही दिखा दिया है।

कैसी विडंबना है कि एक और आप मुसलमानों के शत प्रतिशत वोटों पर एकाधिकार होने का दावा करते हैं, लेकिन वहीं दूसरी ओर आप काफी कम बाटों वाली जाति को तीन सीटों में से दो सीट देकर मुसलमानों की घोर उपेक्षा करते हैं। आपके द्वारा लिए गए उक्त अदूरदर्शी निर्णय एवं कार्यशैली से हमें भारी वेदना हुई है। श्री सलीम शेरवानी जी जैसे कद्दावर एवं प्रभावशाली नेता के प्रति आपके उपेक्षाभाव की भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए सपा में काम करने का अब मेरे लिए कोई औचित्य नहीं रह गया है। अतः मैं सपा के राष्ट्रीय सचिव पद से त्यागपत्र दे रहा हूं।