बदायूँ में महिला जज की मौत मामले में बड़ा खुलासा,पिता ने कराई हत्या की रिपोर्ट
बदायूँ शहर में कल सुबह करीब दस बजे न्यायाधीश आवास में 29 वर्षीय सिविल जज जूनियर डिवीजन ज्योत्सना राय का शव पंखे से फंदे से लटका मिला था। वह न्यायाधीश आवास में पहली मंजिल के क्वार्टर नम्बर चार में रहती थी। जिला जज पंकज अग्रवाल, डीएम मनोज कुमार,एसएसपी आलोक प्रियदर्शी औऱ सभी जज,अधिवक्ता मौके पर पहुँचे थे। फॉरेंसिक टीम ने भी जांच पड़ताल की। प्रथमद्रष्टया आत्महत्या माना जा रहा था। पुलिस ने महिला जज का शव फंदे से नही उतारा। देर शाम महिला जज के पिता अशोक रॉय, चाचा अमित कुमार,भाई हिमांशु शेखर और माँ पूनम राय यहाँ पहुँची तब फंदे से शव उतारा गया। महिला सिविल जज जूनियर डिवीजन ज्योत्स्ना राय के पिता अशोक राय ने कल रात कोतवाली सदर में अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। डीएम ने मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में चिकित्सकों के पैनल से पोस्टमॉर्टम कराने के आदेश दिए थे।
आज सुबह दस बजे तक पोस्टमार्टम होना तय था। लेकिन महिला चिकित्सक औऱ अन्य डॉक्टर पोस्टमार्टम हाउस नहीं पहुँचे। जिला जज पंकज अग्रवाल ने नाराजगी जताई और कार्रवाई की चेतावनी दी। महिला डॉक्टर पूर्वान्ह 11 बजे पहुँची तब पैनल ने पोस्टमार्टम किया। पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई। पोस्टमार्टम के बाद शव पहले न्यायधीश आवास ले जाया गया। आपको बता दे कि सिविल जज जूनियर डिवीजन ज्योत्स्ना राय मऊ जिले के गांव तराईडीह की रहने वाली थी। इनकी पहली पोस्टिंग आयोध्या में वर्ष 2019 में हुई थी।उन्होंने अपने सुसाइड नोट में अंतिम इच्छा आयोध्या के सरयू घाट पर अंतिम संस्कार का उल्लेख किया है। लिहाजा उनका अंतिम संस्कार सरयू घाट पर किया जाएगा। वह बदायूँ में 29 अप्रैल 2023 से तैनात थी। उन्होंने सुसाइड नोट में परेशान होने की बात लिखी है। घर वाले किसी भी तरह के घरेलू विवाद से इंकार करते है तो आखिर उनका कौन उत्पीड़न कर रहा था,कौन करता था प्रताड़ित। महिला जज ने अपना सुसाइड नोट हिंदी औऱ अंग्रेजी दोनो भाषाओं में लिखा है। हिंदी में उन्होंने लिखा है कि मेरी मौत का कोई जिम्मेदार नही है,तुम्हे विवेचना करनी है कर लो तुम्हे कुछ नही मिलेगा।अंग्रेजी में लिखे वाक्यो में फिलिंग एलोन और फिलिंग अनहेप्पी भी लिखा गया है।
महिला जज के कमरे में वर्ष 2021 की एक डायरी भी मिली है,इसमे जनवरी 29 तारीख तक के पेज फटे हुए है,यह पन्ने हाल ही में फाडे हुए प्रतीत होते है। पिता कहते है कि शुक्रवार की रात उसने अपनी माँ से फोन पर बात की थी वह खुश नजर आ रही थी। वह बहुत मजबूत थी तो आत्महत्या कैसे कर सकती है। उसकी हत्या की गई है। पिता बेटी के आत्महत्या से साफ इंकार करते हुए कहते है कि उसकी हत्या की गई है। महिला जज के पिता अशोक राय 2023 में 31 जुलाई को अपर निदेशक अभियोजन पद से रिटायर्ड हुए है। अब परिवार लखनऊ में रह रहा है। पिता के अलावा इनके चाचा सतीश अभियोजन अधिकारी है। ताऊ सुरेश भी शासकीय अधिकारी पद से सेवानिवृत्त है। जबकि डॉ रामा शीश राय लखनऊ में डॉक्टर है। सिविल जज जूनियर डिवीजन ज्योत्स्ना राय खरगोश पालने और पौधे लगाने की शौकीन थी। कमरे को भी अच्छी तरह से सजा रखा था।आवास के बरामदे में कई गमले लगा रखे थे। उन्होंने सुसाइड नोट में भी खरगोश का ध्यान रखने की बात लिखी है। मेधावी छात्रा रही होनहार जज औऱ हमेशा खुशमिजाज रहने वाली महिला जज ज्योत्स्ना रॉय की मौत का मामला हत्या और आत्महत्या में उलझ कर रह गया है।। न्यायाधीश आवास में रहने वाले पड़ोसी कहते है कि शुक्रवार की रात करीब 11 बजे ज्योत्स्ना राय किसी से मोबाइल फोन पर तेज आवाज में बात कर रही थी।लग रहा था उसकी फोन पर किसी से बहस हो रही थी।वह काफी गुस्से में लग रही थी। ज्योत्स्ना के भाई हिमांशु शेखर पुलिस की जांच पर सवाल उठाते है,न्यायधीश आवास की सुरक्षा पर सवाल खड़े करते है।
दरअसल न्यायाधीश कालोनी में मेन गेट के अलावा कालोनी का एक गेट रजिस्ट्री ऑफिस की तरफ भी है।जिसमे पक्की सीढियां आवासीय परिसर में बने छत पर जाते है।छत पर गेट लगा था जो आसानी से खुल रहा था,लोगो का कहना है कि यह गेट खुलता रहता होगा।नही तो इसमे जंग लग जाती,हालांकि पुलिस महिला जज के आवास को पूरी तरह से सुरक्षित बता रही है। इस न्यायधीश कालोनी में आठ जज रहते है,पूरी कालोनी की सुरक्षा दो होमगार्ड के हवाले है,सीसीटीवी कैमरे तक नही लगे है। फिलहाल सिविल जज जूनियर डिवीजन ज्योत्स्ना राय की मौत का मामला हत्या और आत्महत्या में उलझ कर रह गया है। फिलहाल मौत की गुत्थी बुरी तरह से उलझी हुई है,सभी को इस गुत्थी के जल्द सुलझने का इंतजार है।