आगरा के इंडियन ओवरसीज बैंक में डकैती का पर्दाफाश, पुलिस ने 40 लाख किए बरामद
आगरा। सदर के रोहता में बैंक डकैती पुलिस के लिए चुनौती बनी थी। सोमवार को पुलिस ने बैंककर्मी और दो महिलाओं समेत पांच को गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश कर दिया। आरोपितों से पुलिस ने 40 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं। गिरफ्तार महिलाओं ने बैंक से लूटी गई रकम छिपाने में मदद की थी। वारदात में शामिल चार अन्य बदमाश अभी फरार हैं। इनकी गिरफ्तारी को पुलिस दबिश दे रही है।
रोहता में ग्वालियर रोड स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक में 12 दिसंबर की शाम पांच बजे बदमाशों ने धावा बोला था। बैंक मैनेजर समेत अन्य स्टाफ को बंधक बनाकर बदमाश 56.94 लाख रुपये लूटकर बदमाश फरार हो गए थे। सीसीटीवी फुटेज में बदमाशों के भागने की दिशा तो पता चला गई, लेकिन उन्होंने कहीं चेहरा नहीं खुलने दिया था। बदमाशों ने मोबाइल का भी इस्तेमाल नहीं किया था। इसलिए पुलिस को कोई इलेक्ट्रानिक तरीके से सुराग नहीं मिल रहा था। एसएसपी बबलू कुमार ने बदमाशों के बारे में सही सूचना देने वाले को एक लाख रुपये इनाम की भी घोषणा की थी। साथ ही पुलिस की दस टीम मामले के पर्दाफाश को लगा दीं। जगनेर रोड पर एक सीसीटीवी कैमरे से बदमाश का फोटो मिल गया। उसकी पहचान सनी जाटव निवासी खंदारी के रूप में हाे गई। इसके मोबाइल की काल डिटेल से पूरा राज खुल गया। इसके बाद पुलिस ने बैंक के अस्थाई चतुर्थश्रेणी कर्मी खंदारी निवासी पुनीत को हिरासत में ले लिया। उससे पूछूताछ में राज खुल गया। रविवार रात को पुलिस ने खंदारी निवासी पुनीत, रंजीत और घटना में शामिल दो बदमाशों की पत्नियों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों महिलाओं का मायका मलपुरा के नगला प्रताप में था। उन्होंने लूट की रकम को ले जाकर नगला प्रताप में प्लास्टिक के कट्टे में रखकर छिपा दिया था। पुलिस ने यहां से रकम बरामद कर ली। एडीजी अजय आनंद ने पत्रकार वार्ता में बताया कि गिरफ्तार बदमाशों की निशानदेही पर 40 लाख रुपये बरामद कर लिए गए हैं। घटना में शामिल सनी जाटव, बंटी जाटव, नरेंद्र कुमार और नगला प्रताप निवासी तेज सिंह को गिरफ्तार करने के लिए दबिश दी जा रही हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद शेष रकम बरामद हो सकेगी। पत्रकार वार्ता में आइजी ए सतीश गणेश, एसएसपी बबलू कुमार, एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद मौजूद रहे।
बीसी में 20 लाख का कर्जा होने पर बनाई बैंक डकैती की योजना
ठाकुरदार बीसी संचालक है। उसके यहां 60 लोग बीसी डालते थे। इसमें उस पर करीब बीस लाख रुपये का कर्जा हो गया था।पुलिस के अनुसार ठाकुरदास ने अपने बचपन के दोस्त पुनीत से अपनी समस्या बताई। पुनीत ने बैंक से कैश लूटने की सलाह दी। दोनों ने लाकडाउन के समय से ही योजना बनाना शुरू किया था। दीपावली पर ठाकुरदास ने अपने दोस्त बंटी जाटव को यह बताया। बंटी पहले छिनैती में जेल जा चुका था। बंटी पर कोई काम नहीं था। उसने सनी और रंजीत को भी योजना में शामिल कर लिया। दोनों जूता फैक्ट्री में काम करते थे। लाकडाउन के बाद उन्हें काम नहीं मिल रहा था।
शुक्रवार को रेकी मंगलवार को वारदात
ठाकुरदास, रंजीत, बंटी जाटव और सनी ने शुक्रवार को रेकी की थी। सोमवार को सभी बैंक लूटने पहुंच गए। मगर, उस समय वहां बीएसएनएल के कर्मचारी काम कर रहे थे। बैंक के गेट पर उनके पहुंचते ही पुनीत ने उन्हें इशारा करके भगा दिया। मंगलवार को सभी वहां पहुंचे। पुनीत पहले ही बैंक का गेट खोलकर चला गया था। अंदर घुसकर उन्होंने कैश लूट लिया। इसके बाद रोहता से होकर शमसाबाद रोड पर पहुंचे। वहां से वे अलग-अलग चले गए। ठाकुरदास ने दस लाख रुपये अन्य साथियों को बांट दिए। बचे हुई पूरी रकम खुद रख ली थी। इसमें से बाद में बंटवारा हेाता।