बिल्सी। यज्ञ तीर्थ गुधनी स्थित आर्य समाज मंदिर में आचार्य संजीव रूप के निर्देशन में होली सामिग्री का निर्माण किया गया। जो 3100 परिवारों तक निःशुल्क पहुंचाई जाएगी! वैदिक विद्वान समाज सुधारक आचार्य संजीव रूप पिछले 11 वर्षों से होली के अवसर पर 3 कुंटल सामग्री बनाते हैं जो 3000 से अधिक परिवारों में पहुंचा कर तथा होली दहन स्थल पर ले जाकर अग्नि में जलवाते हैं ।उनका कहना है कि होली अपने आप में यज्ञ महोत्सव है , लकड़ी और उपला व्यर्थ में जलाना एक बुराई है । पर्यावरण की शुद्धि के लिए कोररोना जैसे हानिकारक वायरस की निवृत्ति के लिए तथा रोग नाशक वैक्टीरिया के लिए नष्ट करने हेतु यह पर्व बहुत महत्वपूर्ण है । आचार्य संजीव रूप ने बताया कि होली की इस विशेष सामग्री में उन्होंने इस बार 42 जड़ी बूटियां व औषधियां मेवा आदि डाले हैं जिनमें गिलोय , गूगल , दालचीनी,सोंठ,हल्दी,जटामांसी, हर,बहेड़ा,शंखपुष्पी,ब्राहमी,बादाम, आंवला, सफेद चंदन ,काला चंदन, लाल चंदन, देवदारू, सुगंध कोकिला, नगरमोथा,तगर, शहद देसी घी इलायची सुपारी कपास मूल, सभी मेवा सभी अनाज कपूर तथा जौ आदि पर्याप्त मात्रा में मिलाएं हैं। इनको जलाने से घर में लंबे समय तक आरोग्यता रहेगी तथा बीमारियां घर में नहीं आएंगी। जो सभी लोग उत्तम सामग्री कपूर आदि होली पर जलाएं तो सारा प्रदूषण जहां दूर हो जाएगा वहीं बीमारियां भी दूर हो जाएंगी । कोरोना महामारी नष्ट हो जाएगी। इस अवसर पर उनकी संस्कारशाला के बच्चे तथा आर्य वीर दल के बच्चे लगातार मेहनत करके पैकेट बना रहे हैं तथा बिल्सी बिसौली उझानी दातागंज बदायूं वजीरगंज इस्लामनगर आदि छोटे बड़े सभी गांव कस्बों में लेकर जाएंगे। होली के सामग्री में 100 से अधिक परिवारों ने भी अपने घरों से साकल्य में मिलाने के लिए उत्तम पदार्थ भेजें।प्रज्ञा आर्य, प्रश्रयआर्य, गोपाल आर्य विशेष आर्य कृष्णपाल राकेश आर्य विनोद आर्य बृजपाल आर्य विवेक आर्य ,भावना रानी, आदि मौजूद रह।