बिसौली। क्षेत्र के ग्राम शरह बरौलिया के सिद्व बाबा इंटर कालेज के मैदान पर चल रही राम कथा के छठे दिन विश्व प्रसिद्ध कथा वाचक मानस मर्मज्ञ प०अतुल कृष्ण महाराज ने राम वनवास का वर्णन करते हुए कहा भगवान राम ने अपनी कुल की मर्यादा का ध्यान रखकर अपने पिता के वचन की रक्षा के लिए प्रसन्न होकर सारा राज पाठ त्याग कर खुशी-खुशी वन चले गए।हमें भी इससे सीख लेनी चाहिए जरूरत पड़े तो हमें भी परिवार,समाज व देश के लिये सब कुछ छोड़ देना चाहिए।अतुल जी महाराज ने वुजर्गाे से अपील की हमें राजा दसरथ से प्ररेणा लेनी चाहिए समय रहते हुए अपनी सभी जिम्मेदारी अपने वारिशों को सौप देनी चाहिए।पूज्य कौशल्या माता के चरित्र का वर्णन करते हुए कहा बेटे को वनवास होते हुए भी उन्हें अपने पति के वचन का ध्यान रहा,मां कौशल्या ने किसी को दोषी नहीं बताया वरन कहा राम यदि कैकयी मां ने यदि तुम्हे वन जाने को कहा तो राम वनगमन तुम्हे सैकड़ो अयोध्या के समान हैं।सुख दुख तो अपनों के कारण ही मिलते हैं। कथा व्यास अतुल जी महाराज ने कहा भाई हो तो लक्ष्मण जैसा जव भगवान राम वनवास जा रहे थे।तब लक्ष्मण ने कहा माँ में भी वनवास जाना चाहता हूं। तो मां ने कहा मैनें तो सिर्फ तुम्हें जन्म दिया हैं असली माता पिता तो राम सीता हैं लक्ष्मण श्री राम के प्रति समर्पित थे।आगे अतुल जी महाराज ने कहा कि कैकयी मां ने श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम बनाने में अपना अनुराग,भाग और सुहाग सब कुछ समर्पित कर दिया। सीता मां ने पति धर्म निभाने के लिए अयोध्या का समूचा सुख छोड़ दिया भाई लक्ष्मण ने प्रभु राम व सीता मां की सेवा के लिए सम्पूर्ण वैभव त्याग कर चौदह वर्ष वन में बिताए। आज हम सभी को उस मार्ग पर चलकर चिंतन मनन करना चाहिये। आज की कथा में अमित पाठक ब्लाक प्रमुख बिसौली, दिनेश लबनिया अध्यक्ष धर्म जागरण मंच,प० राजेन्द्र पाठक संजीव कुमार पाठक सतीश चन्द वाष्णेय,रामनाथ शर्मा अवनीश कुमार पाठक,विनोद कुमार पाठक सत्य नारायण शर्मा सुधीर शर्मा श्री कृष्ण माली सत्यपाल शर्मा आदि थे।