बदायूं। गंभीर चोट पहुंचाने के मामले में नामजद दो सगे भाइयों को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश देवराज प्रसाद सिंह ने दोषी ठहराते हुए चार-चार साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों मुल्जिमों पर ३० हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। थाना सिविल लाइन क्षेत्र के आमगांव निवासी वादी सुरेश पाल सिंह ने चार अगस्त २००४ को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के मुताबिक उसके गांव निवासी विक्कू उर्फ विक्रम सिंह, विकास के साथ उसका बहनोई सिड्डू निवासी नगला शर्की थाना सिविल लाइन और विनोद निवासी औरामई थाना मूसाझाग बदायूं रात में साढ़े नौ बजे के करीब घर में घुस आये और उसको व उसके परिवार वालों के साथ गाली गलौज करने लगे। जब वादी की मां प्रेमा देवी और भतीजा सचिन ने विरोध किया तो सभी ने अपने हाथ में लिये तमंचे से फायर कर दिया। जिससे वादी की मां प्रेमा देवी और भतीजा सचिन गंभीर रूप से घायल हो गये। वादी ने विक्कू उर्फ विक्रम सिंह, विकास, सिड्डू और विनोद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने विवेचना के बाद विक्कू उर्फ विक्रम सिंह, विकास और सिड्डू के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश देवराज प्रसाद सिंह ने पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों का अवलोकन किया। अभियोजन की ओर से एडीजीसी संजीव कुमार गुप्ता और बचाव पक्ष की बहस सुनने के बाद गंभीर चोट पहुंचाने के मामले में नामजद विक्कू उर्फ विक्रम सिंह, विकास पुत्रगण गिरीश सिंह को मुजरिम ठहराते हुए चार-चार साल की सजा सुनाई है। दोनों मुल्जिमों पर कोर्ट ने १५-१५ हजार रुपए का जुर्माना डाला है।जबकि सिड्डू पुत्र रामचंद्र सिंह को बरी कर दिया है।