बाबा इंटरनेशनल स्कूल में तीन दिवसीय सतरंज प्रतियोगिता का आयोजन

बिल्सी। बाबा इंटरनेशनल स्कूल में तीन दिवसीय शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ विद्यालय के डायरेक्टर अनुज वार्ष्णेय ने फीता काटकर किया। साथ ही प्रतियोगियों को शुभकामनाएं दीं।प्रतियोगिता को तीन वर्गों में बांटा गया जिसमे सब जूनियर वर्ग कक्षा 6 से 8 एवं जूनियर वर्ग कक्षा 9 से 10 तथा सीनियर वर्ग कक्षा 11 से 12 तक के 290 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।

प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल की भूमिका में विद्यालय के शारीरिक शिक्षक/शिक्षका ज्योति शर्मा, विकास कुमार रहे। सब जूनियर वर्ग से छात्र छात्राओं में वंश गुप्ता, आरोही पाल प्रथम, एवं जूनियर वर्ग से छात्र छात्राओं में शुभम, वंशिका माहेश्वरी प्रथम, एवं सीनियर वर्ग से छात्र छात्राओं में देव गुप्ता, परी माहेश्वरी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। विद्यालय के डायरेक्टर अनुज वार्ष्णेय एवं डायरेक्टर मेम साधना वार्ष्णेय ने सतरंज की महत्वता के बारे में बताते हुए कहा की दैनिक जीवन में शतरंज का विशेष महत्व है। शतरंज खेलने से दिमाग के सोचने-समझने की क्षमता में वृद्धि होती है। इसके अलावा एक सफल रणनीति बनाने में मदद मिलती है। शतरंज में जीत के लिए हमेशा आगे बढ़ने की रणनीति काम नहीं करती है। सामने वाले की चाल समझ कर, कभी-कभी चाल वापस भी लेनी पड़ती है। सही समय पर सही चाल का होना बहुत जरूरी है। विद्यालय प्रधानाचार्या रूपा माहेश्वरी ने सभी प्रतियोगियों को शुभकामनाएं देते हुए सतरंज के बारे में बताते हुए कहा की चाहे आप कितनी ही अच्छी रणनीति बनाएं। अगर आपने धीरज नहीं है। तो खेल में जीतना आपके लिए असंभव होगा। जैसे इस खेल में हर चाल से खेल बदलता है, उसी प्रकार असल जिंदगी भी ऐसे ही बदलती है।

आपके हर कदम से आपकी ज़िन्दगी की दिशा तय होती हैं। तो आपको धैर्य रखके असल ज़िन्दगी में अपने लक्ष्य के लिए सही कदम बढ़ाने हैं। विद्यालय अकेडमिक डायरेक्टर अनुनंदिनी शर्मा ने सतरंज के बारे में बताते हुए कहा कि शतरंज के खेल में छोटे मोहरों का भी उतना ही महत्व है या उन पर उतनी ही ध्यान देने की जरूरत है जितनी कि बड़े मोहरो पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी प्रकार हमें भी असल जिंदगी में हर स्तर के लोगों के साथ जुड़ाव रखना जरूरी है। इस अवसर पर समस्त विद्यालय परिवार उपस्थित रहा।