हिन्दी काव्य मंच और प्रिंस जी वेलफेयर ट्रस्ट की ओर से विशाल कवयित्री सम्मेलन का आयोजन हुआ
बदायूँ। हिन्दी काव्य मंच और प्रिंस जी वेलफेयर ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में एच0 एल0 मल्होत्रा शिक्षा निकेतन के सभागार में एक विशाल कवयित्री सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह सम्मेलन कवि शैलेन्द्र मिश्र देव, कामेश पाठक, सुनील समर्थ, उज्ज्वल वशिष्ठ की देखरेख में हुआ। इस सम्मेलन की मुख्य अतिथि रजनी मिश्रा, विशिष्ट अतिथि आशा राठौर एवं हरिप्रताप सिंह राठौर रहे। कवयित्री सम्मेलन में दिल्ली , आगरा ,मेरठ , अमरोहा, एटा ,पीलीभीत गाजियाबाद सहित अनेक जनपदों से कवयित्रियां आई। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन एस के मल्होत्रा, कमला माहेश्वरी, अनुपमा चौधरी और ममता नौगरैया द्वारा किया गया। सरस्वती वंदना दीप्ति सक्सेना द्वारा पढ़ी गई। कार्यक्रम में पहली रचना इटावा से आई अनु श्री दुबे ने इस तरह पढ़ी
जो सुनाने लगी तो सभा मिल गई।
दर्द लिख जो दिया तो दवा मिल गई।
ये घुटन जब लगी तो तभी लिख दिया;
गम लिखा जब लगा तब हवा मिल गई।
मै तुम्हारी हि चित्तकारी कारी हूँ
इस्क में दिल ओ जान हारी हूँ
अगली कवयित्री के रूप में कासगंज से आई रेणु सोलंकी ने कहा
प्रेरणा से तुम्हारी संदर्भित हुई।
और कृपा से तेरी सारगर्भित हुई।।
अब जहाँ चाहो जिस ओर ले चल मुझे ।
रेनु चरणों में तेरे समर्पित हुई।।
दीप्ति सक्सेना जी ने पढ़ा
अम्बर में घनघोर बदरियाँ, गरबा करती आयें।
थिरक रहे पग रुनझुन- रुनझुन, बूँदें ढोल बजायें।।
मुरादाबाद से पधारी स्वेता दुहन ने पढ़ा –
साथ सांसो का छूटना नहीं चाहिए
दिल किसी का भी दुखना नहीं चाहिए
दीप लाखो जलाओ यादों में मगर
प्यार अपना जलाना नहीं चाहिए
मुरादाबाद की ही पल्लवी शर्मा ने कहा
मैं आधुनिक नारी हुँ ,सशक्त हूँ तृष्णाओं से परे हूँ !तभी घर को स्वर्ग बनाती हूँ ॥
डा ममता नौगरैया जी ने पढ़ा
चौखट पर ताकती वीर पत्नी की वो आंखे
कब आएगा उसका वीर अपना
दिल उदास जैसा कोई खंडहर
संगीत प्रोफेसर डॉ सविता चौहान ने यूं पढ़ा –
राम मंदिर की छटा मनमोहिनी मनभाविनी
संग जानकी ऐसे दिखे कि चाँद के संग चांदनी
डा0 शुभ्रा माहेश्वरी जी ने पढ़ा
ज़िन्दगी की रेस में ज़िन्दगी घिसट रही है।
ऊन की तरह पल पल उलझ रही है।
बाकी सब बढ़िया है।।
अंजली श्रीवास्तव जी ने पढ़ा
ज़िंदगी की इक नई कहानी बनो।
और दरियाओं की रवानी बनो।।
हौसले से जियो तुम देश की बेटियों,
वक्त आने पर झाँसी की रानी बनो।।
दिल्ली से पधारी डा 0 मनीषा गिरी जी ने पढ़ा –
कर्तव्य तुम निभाओ अधिकार तुमको दूंगी,
तुम जिंदगी बनो तो संसार तुमको दूंगी।
सम्मेलन में प्रतिभाग करने वाली सभी कवयित्रियों को बदायूं काव्य मंच और प्रिंस जी वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा प्रमाण पत्र दे कर सम्मानित किया गया। मुख्य अथिति रजनी मिश्रा जी ने कहा कि यह अपनी तरह का अनूठा कार्यक्रम है इसके लिए शैलेन्द्र मिश्र देव और सुनील समर्थ जी धन्यवाद के पात्र हैं। वरिष्ठ समाजसेवी एस के मल्होत्रा ने कहा कि भले ही ये पहला कार्यक्रम है किंतु भविष्य में इस तरह के कार्यक्रम होते रहने चाहिए इसके लिए मैं शैलेन्द्र मिश्र की हर संभव मदद करने का आश्वासन देता हूं। अंत में शैलेन्द्र मिश्र देव ने सभी का ह्रदय से आभार व्यक्त किया।