बदायूँ। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत जननी सुरक्षा योजना का भुगतान लम्वित पाए जाने पर डीएम मनोज कुमार ने नाराजगी जताते हुए हिदायत दी कि प्रसूताओं को प्राथमिकता के आधार पर भुगतान किया जाए। सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिलाधिकारी ने जिला स्तरीय स्वास्थ्य समिति एवं अन्तर्विभागीय अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य सेवाओं की गहन समीक्षा की। ई-संजीवनी एप अन्तर्गत उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्रियंका यादव एवं सलोनी चौधरी को डीएम ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य द्वारा जारी प्रमाण पत्र सौंपा, वहीं दूसरी ओर उझानी के सर्जन धर्मेन्द्र कुमार राज द्वारा 207 महिलाओं की नसबंदी कराने पर डीएम ने प्रशस्ति पत्र भेंट किया राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा करते हुए डीएम ने पाया कि 15 जुलाई से सहसवान स्वास्थ्य केन्द्र पर 46.03, बिसौली 55.20, ककराला 60.53 और वज़ीरगंज में 62.16 प्रतिशत प्रसूताओं का भुगतान लम्वित है। डीएम ने सम्बंधित एमओआईसी के प्रति नाराजगी जताते हुए निर्देश दिए कि जननी सुरक्षा योजना अन्तर्गत भुगतान में विलम्व को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ आशा वर्कर्स कार्य में लापरवाही बरत रही हैं और अपने क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं का ही चिन्हीकरण नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि आशा कार्यकत्रियाँ शासन की मंशा के अनुसार कार्य करें। डीएम ने सीएमओ से कहा कि भविष्य में इन बैठकों के स्वरूप में बदलाव लाते हुए प्रमुख समस्याओं का ही एजेंडा उनके सम्मख प्रस्तुत किया जाए। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी केशव कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 प्रदीप वार्ष्णेय सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।