अन्न सड़ गया, गरीब करते रहे इंतजार

बागपत। प्रधानमंत्री जी… आपकी योजना का अन्न सड़ गया जबकि गरीब इंतजार करते रह गए। यह हाल जनपद बागपत में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का है। जहां पर योजना के तहत जनपद बागपत में 398 राशन की दुकानों को आवंटित किए गए चावल का है। पिछले छह माह से चावल डंप होने के कारण अधिकांश जगहों पर इसके सड़ने की बात सामने आ रही है। जनपद में ही राशन की दुकानों पर 119400 क्विंटल चावल पिछले छह माह से डंप है। इसमें से अधिकांश चावल अब सड़ने की स्थिति में है। खास बात यह है कि जिम्मेदारों से लेकर कोटेदार तक इस पर चुप्पी साधे हैं। कोरोना महामारी के दौर में कोई भी भूखा न रहे इसलिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का संचालन शुरू किया गया था। दिसंबर 2022 से यह योजना बंद कर दी गई। जब योजना बंद की गई तब तक जनपद के 398 कोटेदार चावल का उठान कर चुके थे। योजना पर रोक लगने के कारण कोटेदारों ने इसका वितरण नहीं किया। दिसंबर के बाद से उक्त योजना को लेकर शासन स्तर से कोई नए निर्देश जारी नहीं हुए। साथ ही उठान हो चुके चावल के निस्तारण को लेकर भी निर्देश नहीं जारी किए गए। ऐसे में अधिकांश स्थानों पर यह चावल खराब हो रहा है। क्योंकि कोटेदारों के पास ऐसे गोदाम नहीं होते हैं जहां छह छह माह तक चावल सुरक्षित रह सकें। माना जा रहा है कि लगभग सभी जगह यह चावल खराब हो रहा है।जनपद बागपत मेें 398 कोटेदार हैं। योजना के तहत आवंटित चावल का वितरण करने के बाद योजना बंद होते ही तकरीबन सभी कोटेदारों के पास आज भी तीन से चार क्विंटल चावल डंप पड़ा है यानी जनपद में तकरीबन सवा लाख क्विंटल चावल खराब होने की चावल को सड़ने से बचाने के लिए कोटेदार एक अलग रास्ता अपना रहे हैं। हर माह मिलने वाले चावल से पुराने चावल की अदला-बदली की जा रही है। बेशक नीतिगत तौर पर यह गलत है, लेकिन चावल को बर्बाद होने से बचाने के लिए कोटेदारों के पास और कोई रास्ता भी नहीं है। दिसंबर 2022 के बाद से उक्त योजना को लेकर शासन स्तर से कोई नए निर्देश जारी नहीं हुए। जनपद में तकरीबन सवा लाख क्विंटल चावल डंप है। ऐसे में अधिकांश स्थानों पर यह चावल खराब हो रहा है। फिर भी राशन डीलरों को उक्त चावल को सुरक्षित रखने के लिए निर्देशित किया जा रहा है, जैसे ही शासन स्तर से कोई आदेश मिलता है तो तत्काल प्रभाव से उक्त चावल का निस्तारण किया जाएग।