सहसवानः प्रदेश में पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है। आरक्षण की स्थिति सामने आने के बाद संभावित दावेदार भी मतदाताओं की नब्ज टटोलने में जुट गए हैं। हालांकि लंबे समय से प्रधानी चुनाव के लिए जमीन तैयार कर रहे तमाम लोग आरक्षण के चलते हताश महसूस कर रहे हैं और आपत्तियाँ दाखिल कर आरक्षण की स्थिति बदलवाने की जुगत में लगे हैं। इस सबके बावजूद शायद ही कोई गांव ऐसा हो जहां ग्रामीणों के बीच पंचायत चुनाव के दावेदारों और गांव की प्रमुख समस्याओं की चर्चा न हो रही हो। इसी क्रम में बुधवार को जागरण टीम गांव अनंदीपुर पहुंची तो गांव में घुसते ही वहां बने शिव मंदिर पर करीब दर्जन भर ग्रामीण एकत्र थे। चर्चा चुनाव की चल रही थी। कैमरा देखते ही ग्रामीण शांत हो गए। जब बताया कि चुनाव के बारे में आप की राय जानने आए हैं तो धीरे धीरे बात सामने आती चली गई। ग्रामीण इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि इस बार चुनाव में भाग लेने वाले प्रत्याशियों के सामने यह बात रखी जाए कि कोई भी ग्रामीण किसी प्रत्याशी की दावत नहीं खाएगा और न हीं किसी तरह का कोई अन्य प्रलोभन स्वीकार करेगा। तभी दो लोगों ने राय रखी कि गांव में कोई बरात घर या सार्वजनिक स्थल नहीं है। राय यह भी रखी गई कि यदि दावेदार कुछ करना ही चाहते हैं तो मंदिर में कमरे का निर्माण कार्य करा दें। इससे गांव के सभी लोगों को फायदा होगा। ग्रामीणों की प्रत्याशियों की दावत न खाने का निर्णय निःसंदेह सराहनीय कहा जाएगा।