लखनऊ। गर्म हवाओं संग चढ़ता दिन का पारा तो झुलसा ही रहा है, बीते दो दिन से रात के पारे ने भी नींद उड़ा रखी है। मंगलवार की रात आठ साल बाद फिर सबसे गर्म रात रही। न्यूनतम पारा 31.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। हालांकि बुधवार की रात कुछ राहत हुई और पर गिरकर 30.3 डिग्री दर्ज हुआ। इससे पहले 2015 में पारा 31.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था। फिलहाल, 16 जून से गर्मी में राहत के आसार जताए जा रहे हैं। दिन के पारे में मामूली गिरावट आई और बुधवार को अधिकतम पारा 41.8 डिग्री दर्ज हुआ, मंगलवार को यह 42.5 डिग्री सेल्सियस था। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, दिन में गर्म हवाओं के साथ धूल का उड़ना रात को भी गर्म बना रहा है। धूल की चादर बादलों को ढकती है। इससे जितनी ठंडक होनी चाहिए, वो नहीं हो पा रही है। अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, 15 जून को बिपरजोय चक्रवात के सौराष्ट्र व कच्छ के तट से टकराने का अंदेशा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लू का प्रभाव खत्म हो गया है, पूर्वी उत्तर प्रदेश से भी जल्द खत्म हो जाएगा। लखनऊ में भी चक्रवातीय प्रभाव दिखेगा और हवा ठंडी होगी। वैज्ञानिक के मुताबिक, अभी तक जो सिस्टम डेवलप हो रहा है, उसमें 18 से 21 जून तक पूर्वी भारत और उसकी सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के हिस्सों में मानसून के संकेत मिल सकते हैं। फिलहाल, लखनऊ में मानसून देर से राहत लेकर आएगा। मौसम विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे गर्म रात का रिकाॅर्ड अभी तक 1974 में बना था। इस वर्ष 10 जून को न्यूनतम तापमान 33..9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था। 13/14 जून की रात जून के इतिहास की 9वीं सबसे गर्म रात रही।