बदायूं। गायत्री शक्तिपीठ एवं आध्यात्मिक चेतना केंद्र पर गायत्री जयंती व युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के महाप्रयाण दिवस पर पांच कुंडीय गायत्री महायज्ञ हुआ। आत्मीय परिजानों ने लोककल्याणार्थ यज्ञ भगवान को विशेष आहुतियां | समर्पित कीं। परिब्राजक सचिन देव ने कहा कि गायत्री वह शक्ति केंद्र है। जिसके अंतर्गत विश्व के सभी दैहिक, दैविक, भौतिक छोटे-बड़े शक्ति तत्वों का समावेश है। यह छोटे-बड़े शक्ति तत्व अपनी-अपनी क्षमता और सीमा के अनुसार संसार के विभिन्न कार्यों का संपादन करते है। इन्हीं का नाम देवता है। गंगा और गायत्री भगवान की दो विभूतियां हैं। पतित पावनी गंगा में स्नान करने से तन शुद्ध होता है और गायत्री के नित्य जप करने से मन पवित्र होता है। गायत्री मंत्र दुनिया का सबसे शक्तिशाली मंत्र हैं। जिसके जाप से जीवन की समस्याओं को दूर किया जा सकता है। नत्थू लाल शर्मा ने वेदमंत्रोचारण कर यज्ञ संपन्न कराया। आत्मीय परिजनों ने यज्ञ भगवान को विश्व कल्याण की कामना से विशेष आहुतियां समर्पित की। दीक्षा संस्कार, विद्यारंभ संस्कार, यज्ञोपवीत संस्कार व अन्य संस्कार भी हुए। सुरेंद्र नाथ शर्मा ने समयदान और अंशदान की जानकारी दी। इस मौके पर रामचंद्र प्रजापति, कालीचरण पटेल, सोमनाथ भारद्वाज, मनोज मिश्र, सुशील गुप्ता, मदन लाल, माया सक्सेना, सतपाल शर्मा, भुवनेश शर्मा, बेबी गुप्ता, राकेश सारस्वत, ललितेश, राकेश सक्सेन, ममता पाल, संजीव पटेल, राजेश्वरी, मंजू पटेल, संजय गुप्ता आदि मौजूद रहे।