माहेश्वरी साहित्यकार मंच के कार्यक्रम में महेश नवमी पर्व पर छाया केसरिया रंग
बदायूं। महेश नवमी के अवसर पर “माहेश्वरी साहित्यकार मंच ” के फेसबुक पेज पर बच्चों, युवा , प्रौढ़ एवं वृद्ध ने भी भगवामय होकर पोस्टर पर विचार लिखकर देश-विदेश तक संदेश भेजकर नयी पहल की।
महेश नवमी के पावन पर्व पर माहेश्वरी साहित्यकार मंच के फेसबुक पेज पर कार्यक्रम का माँ शारदे की स्थापना,सरस्वती वंदना और महेश वंदना द्वारा विधिवत् संचालन हुआ। संस्थापक श्यामसुंदर माहेश्वरी, सतीश लखोटिया, कलावती करवा, स्वाति जैसलमेरिया व मधु भूतड़ा ‘अक्षरा ‘ सहित अधिकतम साहित्यकारों ने अपने विचारों व संदेश से भगवामय पोस्टर बनाकर देश व विदेश तक भगवान शिव के वंश से उत्पन्न माहेश्वरी समाज के अस्तित्व को नयी पहचान दी। मधु भूतड़ा ने कहा -“गांव, द्वार और नगर डगर पर बंट रही बधाई।आई आई आई पावन महेश नवमी आई। स्वाति जैसलमेरिया ने कहा -” हम शिव के वंशज आओ मिल कर लगाए नारा, हम सब मिल कर एक रहेंगे, एकता सदाचार का नारा।” कलावती करवा ने कहा -” केसरिया झंडा हर घर फहराना है,रखें समाज के प्रति समर्पण भाव, यह संदेश घर-घर पहुँचाना है।” मधु भूतड़ा की माता उम्र 76 वर्ष श्रीमती पुष्पा देवी बाहेती कोलकाता ने भी अपने विचार संदेश पोस्टर पर शेयर किया और कहा “बुजुर्गों का करो सम्मान, उच्च माहेश्वरी कुल की हो संतान, उनसे पाओगे आशीष तो धरती पर उतर आएगा तुम्हारे सपनों का आसमान, समाज और राष्ट्र में बढ़ेगी आन-बान-शान साथ ही मिलेगा तुम्हें सुंदर विहान।” एक नव अनुभव रहा कि बाल पीढ़ी, युवा पीढ़ी, प्रौढ़ व वृद्ध सभी ने केसरिया पोस्टर पर विचार प्रेषित किये। महेश नवमी उत्सव के तमाम कर्मवीर योद्धा, जिनके कारण माहेश्वरी साहित्यकार मंच पर केसरिया छाया रहा एवं एतिहासिक पर्व मनाया गया। पूरे देश भर से साहित्यकारों और समाज बंधुओं ने समाज की गौरव गाथा गाकर विशेष दायित्व निभाया। मंच के नेतृत्व में डॉ सूरज जी माहेश्वरी जोधपुर ने कमान संभाली तो भारती जी माहेश्वरी नलखेड़ा ने समाज ज़नों को एकत्रित व संगठित कर पहचान अंकित की।श्वेता जी धूत के तकनीकी ज्ञान ने सहयोग दिया।सत्यनारायण राठी नागपुर, स्वाति सोढ़ानी कोलकाता, नवीन भूतड़ा जयपुर, महेश भूतड़ा गुलाबी नगरी जयपुर ,अशोक जी गांधी नागपुर , रंजना जी बिनानी गोलाघाट ,सत्यनारायण जी सारडा जयपुर ,विनोद जी फाफट नागपुर ,उमेश जी माहेश्वरी नोखा के परिश्रम ने महेश वंशोत्पत्ति दिवस महेश नवमी को परम्परा से जुड़ने का माध्यम बताया। नेहा जी चितलांगिया मालदा ,सुमित्रा जी चाँडक असम ,मुरली जी लाहोटी हिंगणघाट,नृसिंह जी करवा जोधपुर ने अभियान में जान लाने का कार्य किया। गीतू हरकुट, द्वारका जी तापड़िया,शशि जी लाहोटी ,लखनलाल माहेश्वरी ने शिव के कल्याणमयी रुप का दर्शन कराया। संस्थापक श्यामसुंदर माहेश्वरी छिंदवाड़ा, कलावती करवा कूचबिहार ,सतीश लाखाेटिया नागपुर, स्वाति जैसलमेरिया जोधपुर और मधु भूतड़ा ‘अक्षरा’ जयपुर ने नयी पीढ़ी में संस्कार देने की बात कही और सभी समाज बंधुओं को विशेष आभार अभिनंदन किया। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महासभा महासभा अध्यक्ष श्यामसुंदर जी सोनी, राष्ट्रीय संगठन मंत्री अजय जी काबरा, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतवर्षीय युवा संगठन राजकुमार जी काल्या, महासभा कमल जी भूतड़ा ऑस्ट्रेलिया, निर्वतमान अध्यक्ष रमेश जी पेड़ीवाल सिक्किम, निवर्तमान अध्यक्षा अखिल भारतवर्षीय महिला संगठन कल्पना गगड़ानी मुंबई और समाज के अनेकों प्रतिष्ठित पदाधिकारियों ने भी संदेश देकर उत्सव के कार्यक्रम को बेहतरीन बना दिया। डॉ शुभ्रा माहेश्वरी बदायूं ने पोस्टर के माध्यम से संदेश दिया कि हम अपनी नयी पीढ़ी को उनके गोत्र से परिचित करायेंगे तो संस्कार पनप पायेंगे। माहेश्वरी साहित्यकार मंच फेसबुक पेज पर आयोजित कार्यक्रम पर विदेशों से भी साहित्यकारों ने अपने संदेश साझा किए और सोशल मीडिया के द्वारा पूरे विश्व में अपने समाज का परचम फहराया।