नई दिल्ली। आज लोक परंपराओ व सांस्कृतिक संगम के कार्यक्रम अयोध्या पर्व का दूसरा दिन था। अयोध्या पर्व में आज का दिन धर्म, ज्ञान और भक्ति की सुरमय प्रवाह के नाम रहा दिन के प्रथम कार्यक्रम के रूप 11 बजे से ‘भक्ति आंदोलन की संत परंपरा’ के विषय पर आधारित व्याख्यान माला का आयोजन हुआ, इस व्याख्यान माला में वक्ताओं के रूप में स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती जी महाराज, संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. बी. एन. मिश्र, प्रो. चंदन कुमार शामिल रहे, इस सत्र के कार्यक्रम का संचालन राकेश सिंह ने किया। द्वितीय सत्र के रूप में भोजन के उपरांत व्याख्यान माला का दूसरा सत्र आयोजित हुआ, जिसके वक्ताओं में स्वामी परमानंद जी महाराज, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय एवं प्रो. संतोष शुक्ला जैसे विद्वानों ने अपने ओजस्वी विचारों से उपस्थित श्रोताओं का मार्गदर्शन किया। इस सत्र के दौरान मंच संचालन की जिम्मेदारी राजेन्द्र पाठक ने संभाला. शाम की जलपान के पश्चात् भारतीय साहित्य एवं संगीत का दौर आरंभ हुआ, शाम 6 बजे से आचार्य शिवेन्द्र एवं उनके समूह का धार्मिक कथाओं एवं संगीत के सम्मिलन से युक्त अद्भुत एवं मंत्रमुग्ध करने वाला प्रस्तुतिकरण दिया गया। आज के दिवस के अंतिम सत्र के कार्यक्रम के रूप में अवधी की लोकगायिका प्रकृति यादव का गायन 7:30 बजे से शुरू हुआ, जो कि रात्रि 8:30 बजे तक बेहतरीन प्रस्तुति के साथ चला। आज के कार्यक्रम में भी दर्शक-श्रोताओं की भारी भीड़ ने अयोध्या पर्व कार्यक्रम का जमकर आनंद लेते हुए उसकी लोकप्रियता के गवाह बनने का कार्य किया। कल 9 अप्रैल को इस शानदार कार्यक्रम अयोध्या पर्व का समापन का दिवस है, इस कार्यक्रम के मुख्य आयोजक देवेन्द्र नाथ राय ने कहा अध्यात्म, संस्कृति और लोक परंपरा के उत्सव में सम्मिलित होने के लिए कल भी इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र उत्सुक है और सभी सम्मानित दर्शकों का स्वागत है।