स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय में “वीर बाल दिवस” पर संगोष्ठी हुई

शाहजहांपुर।स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय में इतिहास विभाग द्वारा श्री गुरु गोविंद सिंह महाराज के साहिबजादो की स्मृति में “वीर बाल दिवस” के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी का आरंभ मुख्य वक्ता जगजीत सिंह (असिस्टेंट डायरेक्टर, सेविंग) और सम्मानित मंच के द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन करके किया गया। तत्पश्चात संगीत विभाग के द्वारा अतिथियों को सरोपा भेंट करके स्वागत किया गया।
वाणिज्य संकाय के अध्यक्ष प्रो. अनुराग अग्रवाल ने सभी सम्मानित अतिथियों एवं मुख्य वक्ता का परिचय स्वागत भाषण के माध्यम से दिया।

इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विकास खुराना ने संगोष्ठी के विषय वस्तु “साहिबजादा जोरावर सिंह एवं फतेह सिंह की शहादत”की स्थापना की।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो(डॉ) राकेश कुमार आजाद ने बच्चों को आशीर्वचन देते हुए कहा कि”ऐसे वीर पुत्रों को समस्त भारत प्रणाम करता है जिन्होंने अपने धर्म के लिए नन्हीं सी आयु में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। जिनके बलिदान की गाथा युगों युगों तक गाई जायेगी। इस संगोष्ठी के आयोजन का उद्देश्य यही है कि जोरावर सिंह और फतेहसिंह जी ने जो अपने देश धर्म के लिए अतुलनीय योगदान दिया है उससे छात्रों को परिचित करवाया जाए। ताकि वे ऐसे भारत के वीरों से सीख ले सकें और राष्ट्र निर्माण में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर सकें।”

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता जगजीत सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि “भारत में औरंगजेब के शासनकाल के दौरान इस्लाम कबूल न करने वाले लोगों की हत्या कर दी जाती थी। इसी दौरान जब औरंगजेब का सामना गुरु गोबिंद सिंह जी के बेटों से हुआ तो उन्होंने इसका कड़ा विरोध करते हुए इस्लाम कबूल करने से इंकार कर दिया और अपने धर्म और देश के साथ खड़े रहे। औरंगजेब ने इसकी सजा में दोनों साहिबजादों को दीवार में चुनवाने का फैसला सुनाया। उस समय दोनों साहिबजादों जोरावर सिंह और फतेहसिंह जी की उम्र मात्र 9 और 6 वर्ष थी। जिस समय दोनों साहिबजादों को दीवार में चुनवाया जा रहा था तब भी वे जपजीसहिब का पाठ कर रहे थे। दोनों साहिबजादों का अंत में सिर धड़ से अलग कर दिया गया तलवार अपनी गर्दन तक आने के बाद भी उनमें लेश मात्र का डर नहीं था बल्कि अपने देश धर्म के लिए बलिदान होने पर गर्व था।”
संगोष्ठी के मध्य में सदजाब सिंह ने सबद कीर्तन पाठ किया।

वीर बाल दिवस पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सत्यम शुक्ला (एम ए- प्रथम वर्ष) द्वितीय स्थान सारस्वत पांडे( एम ए प्रथम वर्ष) एवं तृतीय स्थान पर शिवानी शुक्ला (एम ए प्रथम वर्ष) को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया ।
कला संकाय अध्यक्ष प्रो. आलोक मिश्रा ने सभी अतिथियों एवं मुख्य वक्ता का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर समाजसेवी राजू बग्गा,डॉ हरीश चंद्र श्रीवास्तव ,प्रो. मधुकर श्याम शुक्ला, प्रो. प्रभात शुक्ला ,प्रो. पूनम , डॉ प्रमोद कुमार यादव,डॉ राजीव कुमार, डॉ पद्मजा मिश्रा, डॉ धर्मवीर सिंह, डॉ राम शंकर पांडे,डॉ सुजीत वर्मा, डॉ मृदुल पटेल, डॉ कविता भटनागर, डॉ प्रतिभा सक्सेना आदि आचार्य गण उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम का कुशल संचालन इतिहास विभाग के वरिष्ठ आचार्य डॉ दीपक सिंह ने किया।
