मशहूर शायर व संचालक हिलाल बदायूँनी को सम्मानित किया

बदायूँ । अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के मौके पर डालीबाग लखनऊ में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसका संचालन आयोग के निमंत्रण पर मशहूर शायर हिलाल बदायूँनी ने किया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी व विशिष्ट अतिथि अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आज़ाद अंसारी मुख्य रूप से मौजूद रहे । कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफ़ाक़ सैफ़ी ने की ।

सुबह 11 बजे डालीबाग लखनऊ स्थित लाल बहादुर शास्त्री किसान संस्थान में रविवार को आयोजित हुए अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस का संचालन करते हुए हिलाल बदायूँनी ने कहा कि अल्पसंख्यकों के वास्तविक और कानूनी अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 18 दिसंबर को दुनिया भर में अल्पसंख्यको का अधिकार दिवस मनाया जाता है। चूंकि प्रत्येक देश में विभिन्न भाषाई, जातीय, सांस्कृतिक और धार्मिक अल्पसंख्यक समूह रहते हैं तो यह देश का कर्तव्य है कि आकार, धर्म और आबादी को नज़रंदाज़ करके अल्पसंख्यक समूहों को सभी सुविधाएं और अधिकार प्रदान किए जाएं ।
कार्यक्रम में विशेषता मुस्लिम, सिख, पारसी, जैन, ईसाई, और बौद्ध धर्म के लोगों ने शिरकत की व अपने विचारे व्यक्त किये । पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी व राज्यमंत्री दानिश आज़ाद ने सरकार की नीतियों पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने समापन पर आयोग के कार्यों के बारे में बताया एवं कार्यक्रम में मौजूद अतिथियों का आभार व्यक्त किया । कार्यक्रम में शायर हिलाल बदायूँनी को आयोग के अध्यक्ष ने बुके शॉल व एक प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया ।

इस मौके पर अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सचिव अधिकारीगण सदस्यगण के अतिरिक्त अतिथिगण में पूर्व मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी , राज्यमंत्री दानिश आज़ाद अंसारी , फखरुद्दीन अली अहमद अध्यक्ष तुरज ज़ैदी , उर्दू अकादमी चैयरमैन चौधरी कैफुल वरा , अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान अध्यक्ष भदन्त शांति मिश्र , शिया धर्मगुरु फरीदुल हसन , फिरंगी महल सूफियान निज़ामी , पूर्व विधायक अरशद खान , निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण जे रीभा , प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा बासित अली , , निदेशक वक़्फ़ विकास सफात हुसैन सय्यद फ़ैज़ी , असलम खान , याहया सैफ़ी आदि समेत सैकड़ों गणमान्य मौजूद रहे ।
