अधूरा ज्ञान पूरी सृष्टि के लिए खतरनाक : त्रिलोक शास्त्री

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बदायूं। शहर के पुरानी चुंगी बरेली रोड पर स्थित दुर्गा मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन दुर्गा मंदिर समिति के सचिव पुनीत कश्यप ने  कथावाचक उनके साथ मौजूद अन्य कलाकारों का गले में पटका व  फूल माला डालकर  स्वागत किया।श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक आचार्य त्रिलोक कृष्ण मुरारी ने  श्रीमद् भागवत कथा में राजा परीक्षित  व अर्जुन और अश्वत्थामा  से जुड़े प्रसंगों का वर्णन करते हुये कहा की  हमारे लिए अधूरा ज्ञान कितना खतरनाक हो सकता है महाभारत के एक प्रसंग से समझाया कि अश्वत्थामा को ब्रह्मास्त्र का अधूरा ज्ञान था वह ब्रह्मास्त्र चलाना तो जानता था

लेकिन उसको  ब्रह्मास्त्र को वापस बुलाने की विद्या का ज्ञान नहीं था इस बात को लेकर वेदव्यास अश्वत्थामा पर क्रोधित हुए तुम्हें जिस विद्या का पूरा ज्ञान नहीं उसका उपयोग ही क्यों किया यह पूरी सृष्टि के लिए खतरा है  यह प्रसंग बताता है कि विद्या कोई भी हो हमें उसका संपूर्ण ज्ञान होना चाहिए अगर हम विद्या हासिल करने में थोड़ी भी चूक करते हैं तो हमें इसके घातक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं । दूसरे दिन के कार्यक्रम में मुख्य रुप से पूर्व सभासद नन्हें  लाल कश्यप, राजाराम कश्यप, योगेंद्र सागर, पुष्पा देवी , बसंत देवल,मीरा देवी, तारा देवी कश्यप, आरती कश्यप ,छाया कश्यप, प्रदीप कुमार, मंगलसेन, उपेंद्र कुमार, हिमांशु कश्यप, राघवेंद्र पांडेय, कुलदीप गुप्ता शिवम शर्मा समेत काफी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे ।