रायपुर बुजुर्ग में कथा का तीसरा दिन बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव रायपुर बुजुर्ग में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन आज शनिवार को गोवर्धन से पधारे कथावाचक जितेंद्रदास विश्वामित्र ने कथा सुनाते हुए कहा कि भले ही हम आज 21वीं सदी में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। लेकिन मानसिक रुप से काफी पिछड़े हुए हैं। लोगों में आज भी ऊंच-नीच का भाव व्याप्त हैं। अपने बराबर के लोगों से मिलन-जुलना पसंद करते हैं। छोटे लोगों से दोस्ती तो करना दूर उसे बात करना भी पसंद नहीं करते। लोगों को श्रीकृष्ण और सुदामा की दोस्ती से प्रेरणा लेकर आपसी भाई-चारे के साथ रहना चाहिए। कथावाचक ने श्रीकृष्ण और सुदामा मित्रता का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण द्वारिकाधीश होने के बाद भी बचपन के सखा को लेने नंगे पैर दौड़ पडते हैं। उनके मन में अपने मित्र के प्रति भेदभाव का विचार नहीं आता। उन्होंने हमेशा मित्र धर्म का पालन करते हुए मुसीबत में पड़े अपने सखा की मदद करने के लिए तत्पर रहते हैं। आज लोग भेदभाव से ग्रसित हैं। उन्होंने कहा कि भगवान ने सभी को एक समान बनाया। मनुष्य जाति की रचना ही एक दूसरे को सम्मान और प्रेम करने के लिए ईश्वर ने किया। लेकिन इंसान ऊंच-नीच के फेर में आकर भेद-भाव करता आ रहा है। आज लोगों को भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता से सीख लेनी की जरुरत है। इस मौके पर शंभू सिंह, विशाल सिंह, राजकिशोर सिंह, हरिओम सिंह, विनोद सिंह, अरुण कुमार सिंह, श्याम सिंह, रीनू सिंह, राजबाला, रत्नेश कुमारी, नत्थू लाल शाक्य, उर्मिला देवी, उषा देवी आदि मौजूद रहे।