रमपुरा टप्पा रियोनाई ने बुध्द कथा दूसरा दिन बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गाँव रमपुरा टप्पा रियोनाई में चल रही सात दिवसीय बौद्ध कथा के दूसरे दिन निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य ममता शाक्य पहुँची। उन्होंने भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर पुष्प अर्पित किए। आयोजक समिति द्वारा उनका जोरदार स्वागत किया गया। श्रीमती शाक्य ने कहा कि सिद्धार्थ बचपन से ही गंभीर जिज्ञासु और उदासीन प्रकृति के थे। धन.वैभवए राजपाट और सांसारिक वैभव के प्रति उनके तनिक भी आकर्षण नहीं था। उन्होने कहा कि भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व शाक्य कुल में कपिलवस्तु के निकट लुम्बिनी वन में हुआ था। लुम्बिनी नेपाल के तराई में कपिलवस्तु और देवदह के बीच स्थित था। भगवान बुद्ध बौद्ध धर्म के आदि प्रवर्तक कहलाते हैं। गौतम बुद्ध को सिद्धार्थए भगवान बुद्धए महात्मा बुद्ध और शाक्यमुनि जैसे कई नामों से जाना जाता है। उन्होने कहा कि हमारा मस्तिष्क ही हमारा दोस्त.दुश्मन है। जैसा हम सोचेगें वैसा ही होता है। इससे पहले मैनपुरी से पधारीं धम्म चारिणी पूजा बौद्ध ने भगवान बौद्ध के जीवन काल से सभी को अवगत कराया और बताया कि बुद्ध के अनुसार संसार में दुखों का कारण तृष्णा है। इसलिए तृष्णा के नाश द्वारा दुखों से मुक्ति संभव है। बौद्ध धर्म में तृष्णा के क्षय के लिए अष्टांग मार्ग का उपदेश दिया गया है। इस मौके पर टिंकू शाक्यए नीतू शाक्यए गायत्रीए पिंकीए मीना शाक्यए हरिओम शाक्यए प्रवीन कुमारए भुवनेश कुमार आदि मौजूद रहे।