संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता राममूर्ति पाठक का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन

बदायूं। चिरपरिचित और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रारम्भिक सदस्यों में सम्मिलित राम मूर्ति पाठक की पार्थिव देह बदायूं के लालपुल स्थित शिव मुक्ति धाम में पंचतत्व में विलीन हो गई। उनके छोटे पुत्र उत्तराखंड में यूनीवार्ता के प्रभारी, संजय पाठक ने उन्हें मुखाग्नि दी। उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय पाठक का जन्म एक जनवरी 1924 को बदायूं जनपद के उझियानी कस्बे में हुआ था। उन्होंने शतायु पूर्ण करने के उपरान्त, शुक्रवार मध्याह्न अन्तिम श्वास ली। वह महात्मा गांधी की मौत के बाद तत्कालीन सरकार द्वारा देशभर में गिरफ्तार किए गए संघ कार्यकर्ताओं में से एक थे। उस समय वह करीब तत्कालीन गड्ढे वाली जेल (बरेली जिला कारागार) में लगभग एक वर्ष तक बंद रहे। रूहेलखंड (बरेली) मंडल में वह जानेमाने संघ के गोपनीय कार्यकर्ता थे। बड़े रामलाल जी जैसे सज्जन हमेशा उनके घनिष्ठ मित्र रहे। वह अपने पीछे तीन पुत्र और तीन पुत्रियां छोड़ गए हैं। उनके तीनों पुत्र देश के साहित्यिक और पत्रकारिता क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इससे पूर्व, “काव्य निकुंज” स्थित उनके आवास पर भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता, नगर विधायक महेश चंद्र गुप्ता, वार्ष्णेय समाज के कोषाध्यक्ष रविंद्र पाल वाष्र्णेय “रवि”, संघ के जिला शारीरिक प्रमुख अंकित शंखधर, अधिवक्ता देवेंद्र कुमार गुप्ता, टैंट एसोसिएशन अध्यक्ष अशोक खुराना, डाक्टर भास्कर शर्मा सहित अनेक लोगों ने पहुंच अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

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