लहरा उठा परचम- ए- नियाज़िया, शुरू हुआ 197वां उर्स
बरेली। ख़्वाजा कुतुब में स्थित खानकाह-ए-आलिया नियाज़िया में परचम-ए-नियाज़िया लहराते ही कुत्बे आलम, मदार-ए-आजम शाह नियाज़ वे नियाज़ अहमद क़ादरी चिश्ती निज़ामी (र अ) का 197वां सालाना उर्स शुरू हो गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में जायरीन, अंजुमनों और अदबी शख्सियतों ने हाजिरी दी, जिससे पूरा इलाका रूहानी रंग में रंग गया। उर्स का शुभारंभ खानकाह के सज्जादा नशीन हज़रत मेंहदी मियां नियाज़ी सहाब किब्ला मद्दाजिल्लाहुल आली ने परचम कुशाई की रस्म अदा करके किया। उन्होंने दस रोज़ा उर्स के औपचारिक आगाज़ का ऐलान भी किया। बताया गया कि 22 नवंबर से 2 दिसंबर तक चलने वाले उर्स की तमाम तकरीबात कदीमी रिवायात और पूरी शान-ओ-शौकत के साथ आयोजित की जाएंगी। दिनभर खानकाही रिवायत के मुताबिक लंगर का सिलसिला जारी रहेगा, सुबह फ़ज्र की नमाज़ के बाद क़ुरानख़्वानी और रात में ईशा के बाद महफ़िल-ए-समा का आयोजन होगा। देशभर से पहुंचे मशहूर कव्वाल हज़रत रूहानी कलाम और सूफ़ियाना अशआर पेश करेंगे। इसके बाद जायरीन चादर पोशी और गुल पोशी करेंगे। खानकाह प्रबंधन के अनुसार इस बार जायरीन की संख्या अधिक होने की संभावना है, इसलिए ठहरने और सहूलियतों के विशेष इंतज़ाम किए गए हैं। इसके पूर्व परचम-ए-नियाज़िया का पारंपरिक जुलूस नोमहला की दरगाह से रवाना हुआ। फतेहा और सलाम के बाद अंजुमन-ए-साबिरया चिश्तिया की अगुवाई में यह जुलूस निकला, जिसकी कयादत खानकाह के प्रबंधक जुनैदी मियां नियाज़ी ने की। जुलूस कोतवाली इस्लामिया होते हुए खानकाह पहुंचा, जहां सज्जादा नशीन हज़रत मेंहदी मियां नियाज़ी सहाब किब्ला ने सहबज़ादगान और मुरीदीन के साथ इस्तकबाल किया। जुलूस में अस्कारी मियां नियाज़ी, नासिर मियां, खादिम वसीम साबरी, कमाल साबरी, वकी अहमद, शाहिद साबरी, शमसाद, सलीम साबरी, जाबिर साबरी, हनीफ साबरी, सांकेत सुधांशु शर्मा, आरिफ हुसैन, हाजी तारिक, सुशील यादव समेत पुराने शहर की कई अंजुमनों ने भी शिरकत की। उर्स की सरपरस्ती सज्जादा नशीन हज़रत मेंहदी मियां नियाज़ी सहाब किब्ला मद्दाजिल्लाहुल आली कर रहे हैं। प्रबंधन की जिम्मेदारी जुनैदी मियां नियाज़ी निभा रहे हैं।
