अलखनाथ मंदिर कॉरिडोर का निर्माण रुका, जमील अहमद बोले हमारी है जमीन,साधुओं ने कार्रवाई की मांग की
बरेली। तपोनिधि श्री पंचायती आनंद अखाड़ा, अलखनाथ मंदिर परिसर में पर्यटन विभाग द्वारा विकसित किए जा रहे अलखनाथ मंदिर कॉरिडोर निर्माण कार्य को कुछ संदिग्ध लोगों द्वारा कार्य रुकवाने का मामला सामने आया है। मंदिर प्रबंधन ने इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। मंदिर प्रबंधन के अनुसार, परिसर के मुख्य गेट के भीतर बाई ओर समाधि स्थलों, फूल के बगीचे तथा अमरूद–आम के बागान के पास (खतौनी संख्या 735 व 736/944) पर्यटन विभाग प्रसाद , फूल दुकान एवं शौचालय का निर्माण चल रहा है। इससे पहले यहां नगर निगम द्वारा धर्मशाला व बाबा पवन गिरी का धूना बना हुआ था, जिसे विभाग ने हटाकर नया निर्माण शुरू किया था अब काम को रुकवा दिया हैं। कुछ दिन पूर्व मुकेश यादव, जमील अहमद सहित चार–पांच लोगों के साथ मंदिर परिसर में पहुंचे और जमीन अपनी बताते हुए काम रुकवाने का दबाव बनाने लगे और काम को रुकवा दिया। जब नागा बाबा, साधु–संतों व भक्तों ने कारण पूछा तो मुकेश यादव ने स्वयं को हिंदू युवा वाहिनी का पदाधिकारी बताते हुए दावा किया कि उन्होंने यह भूमि खरीद ली है। मंदिर प्रबंधन के अनुसार, यह भूमि सदियों से अलखनाथ बाबा के कब्जे में है और खसरे में भी “बाबा अलखनाथ की झाड़ियां” दर्ज है। वर्ष 1965 में चुन्ना मियां द्वारा इस जमीन को लेकर दायर मुकदमा 1970 में खारिज हो चुका है। अपील भी 1977 में मंडलायुक्त बरेली द्वारा खारिज कर दी गई थी। बाद में राजस्व हाईकोर्ट में दायर वाद भी वापस हो गया था। मंदिर समिति का आरोप है कि खतौनी में पुराने आदेश दर्ज न होने का लाभ उठाकर वर्ष 2015 में फर्जी तरीके से दाखिल–खारिज करा दी गई, जिसे तत्काल निरस्त किया जाना आवश्यक है। साथ ही समिति ने कहा कि मंदिर गेट के भीतर कई धार्मिक मंदिर व समाधि स्थल बने होने से किसी प्रकार की पैमाइश संभव नहीं है। अलखनाथ मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री महंत कालू गिरि ने जिला प्रशासन से कागज़ों की जांच कराने, अवैध रूप से निर्माण रुकवाने पहुंचे लोगों पर सख्त कार्रवाई करने तथा कॉरिडोर निर्माण में आ रही बाधाओं को तत्काल दूर करने की मांग की है। प्रबंधन ने 1970 के कोर्ट आदेश की छायाप्रति भी अधिकारियों को सौंप दी है।




















































































