नगर आयुक्त और एबीवीपी छात्रों मे झड़प धक्का मुक्की को लेकर सफाई कर्मियों का धरना शुरू, पूरे शहर में ठप हुई सफाई व्यवस्था

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बरेली। नगर निगम बरेली में शनिवार को उस समय हंगामा मच गया जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कुछ छात्रों ने नगर आयुक्त पर कथित तौर पर जानलेवा हमला कर दिया। इस घटना से नाराज उत्तर प्रदेशीय सफाई मजदूर संघ के पदाधिकारी और कर्मचारी शनिवार को नगर निगम परिसर में धरने पर बैठ गए और किसी भी प्रकार का सफाई कार्य करने से इनकार कर दिया। कर्मचारियों ने स्पष्ट कहा है कि जब तक नगर आयुक्त पर हमला करने वाले दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी नहीं की जाती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।धरने के चलते पूरे शहर की सफाई व्यवस्था चरमराकर रह गई है। शनिवार को न तो सड़कों की सफाई हुई और न ही कूड़ा उठाया गया। शहर के अधिकांश इलाकों में ढलाव स्थल भरे पड़े हैं, जिससे नागरिकों को परेशानी हो रही है। सफाई कर्मचारियों का कहना है कि यह लड़ाई केवल नगर आयुक्त की नहीं बल्कि पूरे विभाग की गरिमा की है।उत्तर प्रदेशीय सफाई मजदूर संघ के महानगर अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि विद्यार्थी परिषद के गुंडों ने नगर निगम में घुसकर अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मारपीट की, नगर आयुक्त की गाड़ी तोड़ी, गेट तोड़ा और उनके टेबल पर घूंसे मारे। उन्होंने कहा कि यह घटना न सिर्फ प्रशासनिक व्यवस्था पर हमला है बल्कि पूरे सरकारी तंत्र के लिए चुनौती है। राजेश कुमार ने चेतावनी दी कि अगर अब भी प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो यही छात्र कल कप्तान, जिलाधिकारी और कमिश्नर के दफ्तरों में भी गुंडागर्दी करेंगे।
कहा कि महापौर उमेश गौतम ने सुलह कराने का प्रयास किया और इस घटना पर खेद जताते हुए आश्वासन दिया कि छात्र नेताओं से माफी मंगवाई जाएगी, लेकिन जब तक आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होता और गिरफ्तारी नहीं की जाती, तब तक धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारी शहर की सेवा से जुड़े हैं, इसलिए वे लंबी हड़ताल नहीं चाहते, परंतु सम्मान से कोई समझौता नहीं करेंगे।
राजकुमार समदर्शी ने भी प्रशासन पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जब विपक्षी दलों या आम नागरिकों पर बुलडोजर चल सकता है तो छात्र नेताओं पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त जैसे वरिष्ठ अधिकारी पर हमला होना गंभीर अपराध है, और अगर कर्मचारियों ने बीच-बचाव न किया होता तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि छात्र नेताओं के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की जाए और उनके घरों पर बुलडोजर चलाया जाए। कहा कि अब संगठन चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेगा। कर्मचारी अलग-अलग शिफ्टों में निगम परिसर में डटे रहेंगे और गिरफ्तारी तक धरना जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि शहर की सफाई व्यवस्था पहले ही पूरी तरह बंद कर दी गई है। न डोर-टू-डोर कचरा उठ रहा है और न ही ढलावों से कूड़ा उठाया जा रहा है।कर्मचारियों का कहना है कि वे जनता को परेशान नहीं करना चाहते, परंतु प्रशासन को यह समझना होगा कि जब नगर आयुक्त जैसे अधिकारी सुरक्षित नहीं हैं तो कर्मचारी कैसे सुरक्षित रहेंगे। संघ ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जब तक आरोपियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। इस बीच महापौर और प्रशासनिक अधिकारियों ने वार्ता के प्रयास जारी रखे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है।नगर निगम परिसर में शनिवार देर शाम तक सैकड़ों कर्मचारी धरने पर बैठे रहे और “नगर आयुक्त का अपमान नहीं सहेंगे” के नारे लगाते रहे। शहर की सड़कों पर कूड़े के ढेर लगने लगे हैं, जिससे साफ है कि अगर प्रशासन ने जल्द कोई निर्णय नहीं लिया तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।

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