यूपी के गोंडा जिले से सनसनीखेज खबर सामने आई है, जहां सरसों के तेल की चोरी के आरोप में पूछताछ के लिए लेकर गए अनुसूचित समाज के युवक संजय कुमार सोनकर (36) की मौत हो गई। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) कर्मियों पर युवक को पीट-पीटकर मार डालने का आरोप है। मोतीगंज के किनकी गांव निवासी संजय को मंगलवार सुबह 11:30 बजे आरपीएफ के तीन जवान पूछताछ के नाम पर घर से ले गए और शाम करीब 4:30 बजे बरुआ गांव में एक दुकानदार के पास ले जाकर बुरी तरह पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। बाद में शव को मेडिकल कॉलेज में छोड़कर आरोपी भाग गए। भाई राजू सोनकर की तहरीर पर नगर कोतवाली पुलिस ने आरपीएफ के एसआई सुरेंद्र कुमार, करन सिंह यादव, कांस्टेबल अमित कुमार यादव व एक अज्ञात पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट न होने पर बिसरा सुरक्षित रख लिया गया है। घटना के बाद यह सवाल उठ रहा है कि 12 घंटे तक संजय के साथ क्या हुआ, उसे पोस्ट पर क्यों नहीं लाया गया और मेडिकल कॉलेज में शव क्यों छोड़कर भागे। घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया, पत्नी गीता शोक में कई बार बेहोश हो गईं। बताया गया कि बरुआचक स्टेशन के पास सितंबर में मालगाड़ी से सरसों तेल चोरी की जांच में आरपीएफ लगातार ग्रामीणों से पूछताछ कर रही थी। मृतक के भाई का आरोप है कि आरपीएफ अक्सर गांव वालों को धमकाती थी। इस बीच आरपीएफ इंस्पेक्टर अनिरुद्ध राय ने कहा कि संजय से पूछताछ के दौरान उसने एक अन्य आरोपी का नाम बताया, जिसकी तलाश में टीम मनकापुर गई थी और लौटते समय उसे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त महेंद्र प्रसाद दूबे ने बताया कि विभागीय जांच शुरू कर दी गई है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, डीआईजी आरपीएफ चंद्रमोहन मिश्र ने कहा कि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी होगी और दोषी पाए जाने पर संबंधित कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।