बरेली। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा योग को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश भर में योग पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। साथ ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जैसे अवसरों पर जगह-जगह योग शिविरों का आयोजन किया जाता है, जिनमें योग गुरु लोगों को योगाभ्यास कराते हैं और इसके लाभ बताते हैं। लेकिन बरेली में यह लाभकारी योजना अब लापरवाही और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिखाई दे रही है। शहर के गांधी उद्यान में नियमित रूप से संचालित होने वाला योग शिविर इस समय अव्यवस्था का शिकार है। जानकारी के अनुसार, इस शिविर को दो योग शिक्षकों की देखरेख में चलाया जाना था, लेकिन अब यह कार्यक्रम केवल एक महिला योग गुरु के सहारे ही चल रहा था। निजी कारणों से उनके अवकाश पर रहने और दूसरे योग गुरु के कई दिनों से लापता होने के चलते वर्तमान में शिविर पूरी तरह बिना प्रशिक्षक के रह गया है। नतीजतन, पार्क में आने वाले योग प्रेमी इन दिनों बिना किसी मार्गदर्शन के स्वयं ही योगाभ्यास करने को मजबूर हैं। लोगों का कहना है कि वे हर सुबह योग शिक्षक के आने का इंतजार करते हैं, लेकिन कई दिनों से कोई नहीं आ रहा। स्थानीय नागरिकों के अनुसार, नियमित प्रशिक्षक न होने से शिविर की व्यवस्था बिगड़ गई है और इससे लोगों की योग के प्रति रुचि पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इस संबंध में योग डीओ अधिकारी डॉ. अजय से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। लोगों का कहना है कि सरकार की इस योजना का उद्देश्य जनस्वास्थ्य को बढ़ावा देना था, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह योजना अपने मकसद से भटकती जा रही है।