रेत की सुनहरी चादर पर बसा तंबुओं का शहर बना आकर्षण का केंद्र, चारों ओर झिलमिल रोशनी से सजा स्वर्ग जैसा नजारा
बदायूं। कादरचौक क्षेत्र के ककोड़ा गंगा मेले में इन दिनों श्रद्धा और आस्था का संगम देखने को मिल रहा है। रुहेलखंड का यह प्रसिद्ध मेला जिसे लोग मिनी कुंभ के नाम से जानते हैं, इन दिनों अपने पूरे शबाब पर है। कार्तिक पूर्णिमा से एक रात पहले का नजारा देखते ही बन रहा है। रेत की सुनहरी चादर पर सजे अस्थायी तंबुओं का शहर, चारों ओर झिलमिलाती बिजली की रोशनी, सजे घाट और गूंजते भजनों की ध्वनि इस धार्मिक मेले को मानो धरती पर उतरे स्वर्ग का रूप दे रही है। रात होते ही गंगा तट पर दीपों की कतारें जल उठती हैं। श्रद्धालु दूर-दूर से आकर गंगा आरती में शामिल होते हैं। आरती की घंटियों की मधुर ध्वनि और “हर-हर गंगे” के जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठता है। मेले में गंगा स्नान के साथ-साथ धार्मिक अनुष्ठानों, कथा-प्रवचनों और भजन संध्याओं का भी आयोजन चल रहा है। मेले में लगी झिलमिल रोशनी का प्रतिबिंब जब गंगा की लहरों पर पड़ता है तो दृश्य और भी मनमोहक बन जाता है। दूर-दूर तक फैले तंबुओं की पंक्तियां, साधु-संतों के डेरे, श्रद्धालुओं की भीड़ और दुकानों की रौनक इस मेला नगरी को जीवन्त बना देती है। श्रद्धालु रातभर गंगा किनारे भजन-कीर्तन में लीन रहते हैं। ककोड़ा मेला केवल धार्मिक महत्व का नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मेलजोल का भी प्रतीक है। यहां हर वर्ग, हर समुदाय के लोग आस्था के भाव से एकत्र होते हैं। स्थानीय प्रशासन द्वारा सुरक्षा, सफाई और यातायात की व्यवस्था के विशेष इंतजाम किए गए हैं। हर वर्ष की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना है। मेले में बच्चों के झूले, मिठाई की दुकानों, खिलौनों, हस्तशिल्प और पूजा सामग्री के स्टॉल श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर जब पूरा मेला परिसर दीपमालाओं से सज जाता है और गंगा तट पर आरती की लौ लहराती है, तो वह दृश्य हर श्रद्धालु के मन को भक्ति और शांति से भर देता है। रात का यह विहंगम दृश्य न केवल श्रद्धालुओं बल्कि छायाकारों और पर्यटकों के लिए भी अद्भुत आकर्षण का केंद्र बन गया है। निस्संदेह, ककोड़ा गंगा मेला आस्था, संस्कृति और अध्यात्म का जीवंत संगम है, जो हर आगंतुक को अद्भुत अनुभव देकर जाता है।




















































































