अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा की मोहम्मदपुर मई में बैठक हुई, कई मुद्दों पर चर्चा

बदायूं।अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा की बैठक मोहम्मदपुर मई में हुई। जिसमें समाज सेवा के क्षेत्र किए गए कार्यों के लिए मुख्य अतिथि अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र को 2025के समाजसेवी सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मान कार्यक्रम की अध्यक्षता रामकुमार मिश्रा ने की। संचालन ब्राह्मण महासभा के मंडलीय महामंत्री पंडित नत्थूलाल शर्मा ने किया । मुख्य अतिथि अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि माधव मिश्र ने सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि “मानव सेवा ही ईश्वर की सच्ची सेवा है।”मेरा सौभाग्य है कि”आर्थिक आधार पर आरक्षण” के लिए 33बर्ष तक संघर्ष किया।वर्ष2019 में भारत सरकार ने इसे लागू किया।सात जून 2016 में केंद्रीय मंत्री श्री किरण रिजजु एवं श्री अनंत गीते चंदौसी संजीवनी पैलेस में आए थे जिसमें मैंने गरीबों के इलाज के लिए प्रस्ताव दिया। जिसे केंद्रीय मंत्री द्वारा माननीय प्रधानमंत्री जी की बैठक में रखा गया और भारत सरकार ने तब गरीबों के इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना एक लाख से शुरू की जिसे 2019में बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया।यह निस्वार्थ सेवाओं का ही परिणाम है।बीस साल पहले टॉफी देकर गुटखा, सिगरेट,शराब छुड़वाने के लिए प्रयास शुरू किया।
2013में केदारनाथ आपदा पीड़ितों की सेवा की। हमारे सभी धर्म ग्रंथों से यही प्रेरणा मिलती है कि गरीबों, पीड़ितों की सेवा कर अपने को धन्य बनाएं। पूर्व प्रवक्ता पूर्णानंद शर्मा ने कहा कि कवि माधव मिश्र द्वारा समाज के लिए निस्वार्थ किए गए संघर्ष से ही हमारे नई पीढ़ी को आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ मिला है हम सब उनके आभारी हैं।
संचालक मंडलीय महामंत्री पंडित नत्थूलाल शर्मा ने कहा कि कवि माधव मिश्र अपने आर्थिक संसाधनों से ही गरीबों की सहायता करते हैं यह प्रेरणादाई है मेरे विशेष आमंत्रण पर वह यहां आए हैं।
मैं जंतर मंतर के कार्यक्रम को दिल्ली में 5जनवरी 2010 को आर्थिक आधार पर आरक्षण के धरने में उनके साथ था जब वह माननीय प्रधानमंत्री एवं महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन देने गए।अध्यक्षता करते हुए रामकुमार मिश्रा,वीरेन्द्र मिश्रा,सतीश चंद्र मिश्रा, प्रेमनिवास मिश्रा,सचिन शर्मा,सौरभ शर्मा,श्री मति आशा शर्मा,श्री मति कमला देवी शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए।सभी ने सम्मान कार्यक्रम की सराहना की और सामाजिक कार्य करते रहने की बात को स्वीकारा।