बरेली: सत्संगी दंपती हत्याकांड में दोषी को आजीवन कारावास, कोर्ट ने 1.70 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया

बरेली। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-7 तबरेज अहमद ने शहर के चर्चित सत्संगी दंपती हत्याकांड में अनुराग भागवानी उर्फ अन्नू को दोषी पाया है। अदालत ने उसे आजीवन कारावास और 1.70 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को एक साल अतिरिक्त जेल में रहना होगा। अभियुक्त को दोषी करार देने में फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट और सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की अहम भूमिका रही।प्रेमनगर थाने के गुलमोहर पार्क निवासी जतिन सत्संगी ने 25 जुलाई 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि वह हरियाणा के गुरुग्राम में रहकर नौकरी करते हैं। 24 जुलाई की रात 10:28 बजे पड़ोसी विनोद कुमार सैनी ने उनको कॉल करके बताया कि उनके माता-पिता घर में घायल अवस्था में पड़े हैं। जब तक वह घर आए तब तक माता-पिता की मौत हो चुकी थी। किसी अज्ञात व्यक्ति ने घर में घुसकर उनके माता-पिता की हत्या कर दी है। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने विवेचना की। आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई।उस समय यह मामला सुर्खियों में रहा था। दरअसल, जतिन की मां रूपा सत्संगी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के रीजनल ऑफिस में सहायक प्रबंधक के पद पर थीं और 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाली थीं। पिता नीरज सत्संगी बीमार रहते थे। मां ही उनकी देखभाल करती थीं। हत्याकांड ने लोगों को हिलाकर रख दिया था और कानून व्यवस्था भी सवालों के घेरे में आ गई थी।सीसीटीवी कैमरों की फुटेज व फॉरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने थाना प्रेमनगर के राजेंद्र नगर निवासी अनुराग भागवानी उर्फ अन्नू को गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर सत्संगी दंपती के घर से लूटा गया सामान भी बरामद किया गया था।विवेचना के बाद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। छह साल चली सुनवाई के दौरान 14 गवाह और 90 से ज्यादा साक्ष्य पेश किए। गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर अभियोजन पक्ष अनुराग भागवानी उर्फ अन्नू को दोषसिद्ध साबित करने में कामयाब रहा। कोर्ट ने उसे कैद और जुर्माने की सजा सुनाई।सत्संगी दंपती की हत्या करने के बाद अनुराग दो मंजिल घर से कूदकर भाग गया था। इस दौरान उसने अपना चेहरा छिपाने की कोशिश भी की, लेकिन वह सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में कैद हो गया। उसने मास्क और टोपी पहन रखा था। साथ लाया एक बैग वह मौके पर ही छोड़कर भाग गया था। उसकी एक चप्पल भी मौके पर मिली थी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने उसकी तलाश की। शासकीय अधिवक्ता राजेश्वरी गंगवार ने बताया कि सीसी कैमरे की फुटेज न मिलने की दशा में दोषी की पहचान मुश्किल हो सकती थी। इसके अलावा फॉरेंसिक साक्ष्य भी आधार बने हैं। उधर, बुधवार को जब अनुराग को कोर्ट में पेश किया गया तो चलने में वह असमर्थ प्रतीत हुआ। पुलिस के अनुसार हत्याकांड के बाद अनुराग जब छत से कूद कर भागा था तो उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी।शहर के चर्चित हत्याकांड में आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान अनुराग ने तर्क दिया कि सिर्फ लंगड़ाने के कारण उसे आरोपी बना दिया गया। पुलिस ने दबाव में पूरी कहानी गढ़ी है। उसके खिलाफ वादी ने कोई आरोप नहीं लगाया है। उसके यह तर्क सीसी कैमरों की फुटेज, फॉरेंसिक और फिंगर प्रिंट जांच रिपोर्ट के सामने नहीं टिक सके।