एक और मदरसे का फर्जीवाड़ा उजागर, प्रिंसिपल और लिपिक ने लॉकडाउन में तीन शिक्षकों की कर दी फर्जी नियुक्ति
बलरामपुर. यूपी के बलरामपुर में मदरसो में फर्जीवाड़े के रोज नए मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला जामिया अनवारुल उलूम नई बाजार तुलसीपुर में सामने आया है. इस मदरसे में लाकडाउन के दौरान मृतक आश्रित सहित तीन पदों पर शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति कर दी गयी और अधिकारियों की मिली भगत से उसका अनुमोदन भी करा दिया गया.
मदरसे के प्रबन्धक ने शपथ पत्र देकर कहा है कि 31 मार्च 2020 के बाद न तो मदरसे में कोई नियुक्ति की गयी है और न ही किसी नियुक्ति पत्रावली पर प्रबंधक ने हस्ताक्षर किया गया है. इस फर्जीवाडे का खुलासा तब हुआ जब सेवाकाल में पिता की मौत के बाद मृतक आश्रित पद पर नियुक्ति के लिये पुत्र ने मदरसे के प्रबंधक को प्रार्थना पत्र दिया. प्रबंधक ने जब इस मामले की पड़ताल की तो पता चला कि मदरसा नियमावली की धज्जियां उडाते हुए मदरसे के प्रिंसिपल मेराज अहमद और लिपिक अजीज अंसारी ने कूटरचित तरीके से मदरसे में तीन पदो पर शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति कर दी है.
फर्जीवाड़े का ऐसे हुआ खुलासा
01 अप्रैल 2020 को मदरसे के एक शिक्षक सुलेमान सेवानिवृत्त हो गये थे, जबकि 02 अप्रैल 2020 को शिक्षक जैफुल्ला खाँ की सेवाकाल के दौरान मृत्यु हो गई थी. इन दो पदों के अलावा एक कनिष्ठ सहायक सहित मदरसे में तीन पद रिक्त हुये थे. मृतक आश्रित पद पर नियुक्ति को लेकर मृतक शिक्षक जैफुल्ला खाँ के पुत्र मोहम्मद हसन रजा ने मदरसे के प्रबंधक बशीर को प्रार्थना पत्र दिया था. प्रबंधक बशीर ने जब पूछतांछ शुरू की तो पता चला कि मदरसे के प्रिंसिपल मेराज अहमद और लिपिक अजीज अंसारी ने कूटरचना करके मदरसे में फर्जी नियुक्ति कर दी है.
मदरसे के प्रबन्धक बशीर ने रजिस्ट्रार, मदरसा शिक्षा और निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण को शपथ पत्र देकर मदरसे में फर्जी नियुक्ति किये जाने की शिकायत की है. मृतक आश्रित मोहम्मद हसन रजा ने प्रमुख सचिव को इस फर्जीवाड़े को लेकर शिकायत की है और इन नियुक्तियों को निरस्त करते हुये दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई की मांग की है.
मृतक आश्रित मोहम्मद हसन रजा ने बताया कि पिता की मृत्यु के बाद का जो फंड मिलना चाहिये था, नौ माह बीत जाने के बाद अभी तक उसे भी नहीं दिया गया. इससे उसका परिवार आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. डीएम कृष्ण करुणेश ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में आया है इसकी जाँच की जा रही है. जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कठोर कार्यवाई की जायेगी. गौरतलब है कि मदरसा जामिया अनवारुल उलूम में तैनात लिपिक अजीज अंसारी के खिलाफ 65 लाख रुपये गबन का आरोप है और इस संबंध में कोतवाली देहात में मुकदमा भी दर्ज है, जिसकी जांच ईओडब्लू के द्वारा की जा रही है