बरेली। किला छावनी निवासी नूर हसन ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी पुश्तैनी भूमि पर भू-माफिया फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि विवादित भूमि पर दीवानी वाद न्यायालय में विचाराधीन है तथा न्यायालय द्वारा स्टे आदेश भी पारित किया जा चुका है। इसके बावजूद दबंगों ने बलपूर्वक कब्जे की कोशिश की और पुलिस ने बिना प्राथमिक जांच के उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया। पीड़ित नूर हसन के अनुसार, ग्राम स्वाले नगर नवदिया बाजू छावनी, बरेली स्थित खेत संख्या 87, 88, 89, 97 और 100 पर 16 जून 2023 को मोहम्मद शहरोज निवासी रबड़ी टोला द्वारा जबरन खुदाई शुरू की गई। विरोध करने पर नूर हसन ने अदालत की अवमानना का आरोप लगाते हुए वाद संख्या 4/2023 दाखिल किया, जो अब तक लंबित है। उन्होंने आरोप लगाया कि 4 दिसंबर 2024 को मोहम्मद शहरोज ने कामिनी पत्नी राजेश के नाम पर एक फर्जी वयनामा रजिस्टर्ड कराया, जिसमें झूठी चौहद्दी और मापदंड दर्शाए गए। इस कथित फर्जी वयनामे की पहचान कुख्यात भू-माफिया नन्हे द्वारा कराई गई और कब्जे की कोशिश की गई, जिसे मौके पर पहुंची पुलिस ने रोका। हालांकि, इसके बाद नूर हसन पर दबाव बनाने और फर्जी मुकदमे में फंसाने की नीयत से 23 दिसंबर 2024 को थाना किला में एफआईआर संख्या 0446/2024 दर्ज कराई गई। नूर हसन का आरोप है कि विवेचना कर रहे पुलिसकर्मी पंकज कुमार और मनोज कुमार ने घूस लेकर झूठा आरोपपत्र दाखिल किया तथा साक्ष्यों में भी हेराफेरी की। उन्होंने यह भी बताया कि शिकायत के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उक्त विवेचना को रोकते हुए पुनः जांच के आदेश दिए हैं, जो वर्तमान में जारी है। नूर हसन ने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की निगरानी में कराई जाए और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।