एअर इंडिया विमान हादसे के बाद बड़ा एक्शन: DGCA करेगा विशेष ऑडिट, तीन वरिष्ठ अधिकारी हटाए गए

नई दिल्ली / अहमदाबाद
बीते 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहे एअर इंडिया के विमान AI-171 के भीषण हादसे के बाद, भारत के विमानन क्षेत्र में नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) अब कड़े कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। इस हादसे के बाद डीजीसीए ने न केवल एअर इंडिया के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों से हटाया, बल्कि अब एक व्यापक विशेष ऑडिट व्यवस्था शुरू करने की भी घोषणा की है।
अब सिस्टम की गहराई से जांच करेगा DGCA
नई व्यवस्था के तहत डीजीसीए का उद्देश्य सिर्फ सतही ऑडिट करना नहीं है, बल्कि विमानन क्षेत्र में प्रणालीगत कमजोरियों की पहचान करना और उनका सुधार करना है। इस नई प्रक्रिया में यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के दिशा-निर्देशों और भारत की राष्ट्रीय विमानन नीतियों का पूर्ण अनुपालन हो।
तीन वरिष्ठ अधिकारी हटाए गए
DGCA ने शनिवार को बड़ा कदम उठाते हुए एअर इंडिया के डिवीजनल वाइस प्रेसिडेंट समेत तीन अधिकारियों को चालक दल की समय-सारणी (रोस्टरिंग) और अन्य संबंधित जिम्मेदारियों से हटा दिया। DGCA ने अपने बयान में कहा कि उड़ान चालक दल की लाइसेंसिंग, विश्राम अवधि और नियमों को बार-बार अनदेखा किया गया, जो सीधे तौर पर सुरक्षा के लिए खतरा है।
ARMS सिस्टम की समीक्षा में हुआ खुलासा
DGCA की समीक्षा के अनुसार, यह लापरवाही एआरएमएस (Airline Route Management System) और CAE क्रू मैनेजमेंट सिस्टम के बदलाव के बाद सामने आई। ARMS एक डिजिटल सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म है जिसका उपयोग एयरलाइंस द्वारा उड़ानों की योजना, क्रू की ड्यूटी निर्धारण और अन्य संचालन गतिविधियों के लिए किया जाता है।
12 जून को हुआ था बड़ा हादसा, 270 की मौत
गौरतलब है कि 12 जून 2025 को एअर इंडिया का विमान AI-171 अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरते ही पास की एक हॉस्टल इमारत से टकरा गया। इस हादसे में विमान में सवार 242 में से 241 लोग और हॉस्टल में मौजूद 29 लोग मारे गए, जिससे कुल 270 लोगों की मौत हुई। यह भारत के हालिया इतिहास का सबसे भयावह विमान हादसा माना जा रहा है।
शवों की पहचान और शव सौंपने की प्रक्रिया जारी
अहमदाबाद सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी के अनुसार, हादसे के एक सप्ताह बाद तक 215 मृतकों की डीएनए पहचान पूरी की जा चुकी है, जिनमें से 198 शव उनके परिवारों को सौंपे जा चुके हैं। इनमें 149 भारतीय, 32 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल हैं।