जनहित सत्याग्रह मोर्चा की तीन सदस्यीय टीम ने उझानी की मेंथा फेक्ट्री का दौरा किया

उझानी।।सुबह लगभग 10 बजे जनहित सत्याग्रह मोर्चा की तीन सदस्यीय टीम ने उझानी स्थित मेंथा फेक्ट्री का दौरा किया। ज्ञात हो कि 21 मई की रात में मेंथा फेक्ट्री में भीषण आग लग गई। इस आग ने लगभग पूरी फेक्ट्री को अपनी चपेट में ले लिया। आज दो दिन बाद भी अभी फेक्ट्री के पीछे के इलाके में आग सुलग रही है। पूरे इलाके में धुआं हैं। टीम ने वहां मौजूद लोगों से बातचीत की और हालात का जायजा लिया। टीम को गांव वासियों ने बताया कि रात को तेज आंधी की वजह से एक चिमनी टूट कर गिर गई। जिसमे आग थी। थोड़ी देर बाद ही फेक्ट्री का काफी ऊंचा बिल्डिंग नुमा हिस्सा टूट कर उस चिमनी और बॉयलर के ऊपर गिरा। इसमें सिलेंडर और तेल था। देखते ही देखते तेल ने आग पकड़ ली। आग की लपटों ने बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया। आग के दौरान कई धमाके हुए जिससे आग और भी फैल गई। गांव में घूमने पर टीम को पता चला कि लोगों में अभी भी दहशत है। इलाके में फैले धुंएं से लोगों को दिक्कत हो रही है। विस्फोट से उड़कर एक ड्रम फेक्ट्री के करीब ही एक घर में गिरा जाकर। वहीं लोगों ने बताया कि एक घर में टीन की चादर का बड़ा हिस्सा टूटकर कर गिरा जाकर।
रात में जिस तरह फेक्ट्री में रखे सिलेंडर फट रहे थे। उससे डर था कि ये आग और इससे होने वाले विस्फोटों से कोई बड़ा नुकसान आस पास की आबादी को ना हो जाए, इसलिए गांव कुड़ा नरसिंहपुर और उझानी कस्बे तक के लोग रात में ही पलायन करने लगे। पूरे इलाके को खाली किया जाने लगा। इस दौरान कुछ अफवाहें भी फैली कि इलाके को खाली किया जाए।गांव वालों ने बताया कि 22 मई की रात को सब लोग वापस अपने घरों पर आ गए। कई ग्रामीणों से बात करने के बाद टीम की मुलाकात फेक्ट्री के एक मजदूर से हुई। जो आग लगने वाले दिन फेक्ट्री में ही ड्यूटी पर थे। उन्होंने बताया जैसे बिल्डिंग गिरी सभी लोग भागकर गेट पर आ गए। उनका कहना है कि जो बिल्डिंग गिरी उस पर दो या तीन लोग ही काम करते हैं। बाकी लोग अलग अलग जगहों पर काम करते हैं। मजदूर के अनुसार बाकी लोग बाहर आ गए। एक मजदूर अंदर फंस गया जिसका अभी तक पता नहीं चल रहा है।। एक ट्रक ड्राइवर जो कि हरियाणा के बताए जाते है वे आग लगने के बाद काफी ऊंचाई से कूदे जिस कारण उनके पैर टूट गए। इनके अलावा मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चार लोग झुलसे हुए बताए गए हैं। मजदूर ने ही बताया कि इस फेक्ट्री में लगभग 200 मजदूर काम करते हैं। इसके अलावा टेक्निकल स्टाफ, सुपरवाइजर व अन्य लोग हैं। रात को लगभग 100 के आस पास लोग मौजूद थे। फेक्ट्री में 12 घंटे की शिफ्ट चलती है। टीम को यह भी पता चला कि फेक्ट्री के कारण गांव के कुछ इलाके का पानी भी खराब हो रहा है। पानी पीने लायक नही है। जनहित सत्याग्रह मोर्चा मांग करता है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के उचित इंतजाम किए जाएं। रात्रि ड्यूटी पर लगे मजदूरों की संख्या का बाहर सुरक्षित मजदूरों से मिलान किया जाए। मृतक मजदूर के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए। घायलों के मुफ्त इलाज और मुआवजे का प्रबंध किया जाए। गांव बालों के लिए स्वच्छ पानी की व्यवस्था की जाए। दौरे को गई टीम में मोर्चा के अध्यक्ष प्रेमपाल सिंह, महामंत्री चरन सिंह तथा उप महामंत्री सतीश मौजूद थे।