शाहजहांपुर। सात दिवसीय मुमुक्षु महोत्सव का आज रूद्र महायज्ञ में पूर्ण आहुति के साथ समापन हो गया। आज सुबह नौ बजे ब्रह्मलीन स्वामी शुकदेवानंद जी का अभिषेक व पूजन स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ने किया। इसके उपरांत महामण्डलेश्वर स्वामी हरिहरानंद सरस्वती के सानिध्य में देवी पूजन, हवन व पूर्ण आहुति सम्पन्न हुई। रूद्र महायज्ञ के मुख्य यजमान के रूप में स्वामी सर्वेश्वरानंद सरस्वती मौजूद रहे। तदुपरांत श्री रुद्र महायज्ञ का शुभारंभ मुमुक्षु शिक्षा संकुल के मुख्य अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती की अध्यक्षता एवं महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद जी के सानिध्य में हुआ। यज्ञ के मुख्य अजमान स्वामी सर्वेश्वरानंद जी रहे। मुमुक्षु महोत्सव के समापन के उपरांत महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद सरस्वती जी ने स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती जी को उनके जन्मदिवस पर बधाई देते हुए कहा कि स्वामी जी ने जिस तरह से धर्म, अध्यात्म और शिक्षा की त्रिवेणी को पुष्पित व पल्लवित किया है इसकी मिसाल कोई दूसरी नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह तक चली रामकथा से पूरे क्षेत्र का माहौल भक्तिमय हुआ है। उन्होंने कहा कि श्री रामकथा के श्रवण के बाद मन में किसी तरह का संशय शेष नहीं रहता। उन्होंने सभी से राम कथा के श्रवण के साथ-साथ चिंतन व मनन करके उसे अपने आचरण में उतारने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से जन-जन का कल्याण हो सकेगा। यज्ञ 16 ब्राह्मणों के द्वारा आचार्य ऋषभदेव त्रिपाठी के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। पूर्ण आहुति, हवन एवं पूजन में आदेश पाण्डेय, प्रवीण पारासर, सुभाष द्विवेदी, दिलीप त्रिवेदी, ललित शुक्ला आदि का सहयोग रहा। इस अवसर पर एसपी डबराल, चंद्रभान त्रिपाठी, आदेश पांडेय, रवि बाजपेयी आदि मौजूद रहे।