मौसेरे भाई के घर में घुसकर मारपीट, जान से मारने की नीयत से चाकू से हमला करने बाला अरेस्ट

बरेली। थाना सीबी गंज क्षेत्र में 17 फरवरी की रात्रि में मजरुब लीलाधर पुत्र रामलाल निवासी ग्राम पस्तौर ने बताया लडाई झगडे में चोट आयी है, मेडिकल परीक्षण कराना चाहते है, लेकिन यह नहीं बताया कि उन पर चाकू से जानलेवा हमला किया गया है और तहरीर बाद में देने की बात कहकर मजरुबी चिट्टी लेकर जिला अस्पताल चले गये। यह पूछने पर कि झगड़ा किससे हुआ है यह भी नही बताया। दिन में 18 फरवरी को मजरुब के मौसेरे भाई नत्थूलाल पुत्र केवलराम निवासी ग्राम पस्तौर थाना सीबीगंज ने थाना में आकर अवगत कराया कि दो अज्ञात लोगों के द्वारा रात्रि में घर में घुसकर उनके मौसेरे भाई लीलाधर पर जान से मारने की नीयत से चाकू से हमला कर घायल कर दिया। इस संबंध में दो अज्ञात व्यक्ति पर मुकदमा पंजीकृत किया ।
शाम के समय तहरीर दी कि उसके पिता लीलाधर ने बताया है कि उनके ऊपर रामसिंह उर्फ पप्पू पुत्र सुखलाल नि० ग्राम पस्तौर थाना सीबीगंज जिला बरेली ने दो अज्ञात व्यक्तियो के साथ चाकू से जानलेवा हमला किया था। रामसिंह से पूछताछ की गयी तो बताया कि दिनांक 17/18/02.2025 की रात में करीब 12.30 बजे वह घर से अपने बाग में सोने जा रहा था तो लीलाधर के कमरे में शोर हो रहा था। वह रुका तो दो व्यक्ति कमरे से निकलकर भागे जो लीलाधर के भतीजे 01. राजेश पुत्र बुद्धि 02 छोटे पुत्र केदार निवासी गण ग्राम पस्तोर पुरानी होली के पास थाना सीबी गंज जनपद बरेली थे, जिनको मैंने पहचना लिया था, लेकिन जब लीलाधर ने उन्हे पहचानते हुये भी उनका नाम नहीं लिया तो मैंने भी दुश्मनी के कारण किसी को नहीं बताया क्योंकि उनके घर का मामला था। इसके उपरांत घटनास्थल पर हमलावरों की छूटी हुयी बरामद लाल रंग की चप्पल की पहचान करायी गयी तो अभियुक्त राजेश के मोबाइल फोन में उसकी बहन खडी है जिसमे उसके बराबर वही लाल रंग की चप्पल रखी है जिसकी वीडियो की स्क्रीशॉट अभियुक्त राजेश के मोबाइल फोन में मौजूद थी। जिसके बाद अभियुक्त राजेश को दिखाई गयी तथा घटना के समय के गवाह रामसिंह से आमना सामना कराया गया तो अभियुक्त राजेश द्वारा घटना को अपने चचेरा भाई छोटे के साथ कारित करना स्वीकार करते हुये दिनांक 16.02.2025 को अभियुक्त लीलाधर के पुत्र राकेश द्वारा अपने पिता लीलाधर की हत्या करने को सौदा 30,000 रुपये में तय होना बताया।
बरेली। थाना सीबीगंज पुलिस टीम ने अज्ञात लोगों के द्वारा रात्रि में घर में घुसकर उनके मौसेरे भाई लीलाधर पर जान से मारने की नीयत से चाकू से हमला कर घायल कर देने के मामले में अभियुक्त राजेश पुत्र बुद्धि ,छोटे पुत्र केदार निवासी गण ग्राम पस्तोर पुरानी होली के पास थाना सीबीगंज को एक तंमचा 315 बोर, एक कारतूस 315 बोर जिंदा व एक चाकू नाजायज व 5000 रुपयों के साथ रेलवे स्टेशन सीबीगंज के पश्चिम साइड में पार्क के किनारे से गिरफ्तार किया गया।
राजेश व छोटे ने पूछताछ पर बताता लीलाधर रिश्ते में हमारे ताऊ लगते हैं तथा लीलाधर के पुत्र राकेश के साथ हमारे अच्छे सम्बन्ध हैं। हमारे ताऊ लीलाधर के पास खेती की जमीन है और करीब 15-20 वर्षों से उनके करीबी सम्बन्ध अपने पडोस में ही एक महिला से थे। ताऊ लीलाधर एवं पड़ोस की महिला के सम्बन्धों से उन्हें एक पुत्र भी हैं, जिसकी चर्चा हमारे होने पूरे गांव में है। लीलाधर इस महिला पर खूब खर्च भी करते है। लीलाधर के पुत्र राकेश को ये बाते पहले से ही पता हैं और अपने पिता लीलाधर द्वारा महिला एवं उनके परिवार पर किये खर्चों की जानकारी भी है। इसी बात को लेकर राकेश अपने पिता से पूर्व में कई बार झगड़ भी हो चुका था। अब जबकि उस महिला का पुत्र बड़ा हो रहा है तो राकेश को लगा कि उसके पिता खेती की जमीन भी कहीं उस महिला के पुत्र के नाम न कर दे। अभी राकेश इकलौता है, अगर उसके पिता द्वारा जमीन अपने सम्बन्धों से पैदा हुए पुत्र को दी जाती है तो जमीन बँट जाती। इसी आंशका को देखते हुये राकेश नें हम लोगों से अपने पिता लीलाधर को मारने के लिये कड़ा और 30 हजार रुपए भी देनें की बात कही। हम भी आर्थिक रूप से परेशान चल रहे थे तो 30 हजार रुपए के बदले ताऊ लीलाधर की हत्या को अंजाम देने के लिए हम तैयार हो गये थे। इस काम में हम दोनों (राजेश और छोटे) के मध्य यह तय हुआ था कि ताऊ लीलाधर की हत्या कर 15-15 हजार रूपये आपस में बाँट लेगें। इसी नीयत से 17 फरवरी की रात को हम दोनों ताऊ लीलाधर की हत्या करने उनके कमरे में गये थे। राजेश ने बताया कि मेरे पास 315 बोर का तमंचा व 2 कारतूस थे और छोटे के पास चाकू था। मैनें जैसे ही अपने तमंचे से फायर करने के लिये ताऊ पर तमंचा लगाया तो ताऊ जाग गये और मेरा हाथ पकड़ लिया। छीनाछपटी में कट्टे से कारतूस निकलकर नीचे गिर गया तो छोटे ने अपने चाकू से लीलाधर पर जानलेवा वार करना शुरु कर दिया। लीलाधर ने चीखपुकार मचाई तभी हम दोनों को बाहर सड़क पर किसी के चलने की आवाज सुनाई दी तो हम भाग निकले। लीलाधर के कमरे से निकलते ही बाहर सड़क पर राम सिह खड़े थे, जिन्होनें हम लोगो को देख लिया था। शोर से जागकर कुछ लोग हमारे पीछे भी आये थे। हमने भागकर अपने तमंचा व चाकू छिपा दिये थे। हम लीलाधर के पुत्र राकेश द्वारा दिये गये 30 हजार रूपयों के लालच में आ गये थे।