बदायूँ में 24 साल बाद फिरौती अपहरण कांड में 10 आरोपियों को उम्रकैद की सजा
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बदायूँ। प्रत्येक उम्रकैदी को 20-20 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया।दोषी कुँवरपाल उर्फ कुँवर सिंह को दस वर्ष की सजा व जुर्माना भी लगाया।अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (दस्यु प्रभावित क्षेत्र) रेखा शर्मा ने सुनाया फैसला।दिसम्बर 2000 में बिसौली के गांव सिसरका के दीपेश शर्मा का कमालपुर गांव से वापस आते समय अपहरण किया गया।उस समय के कुख्यात बदमाश सर्वेन्द्र गिरोह ने डेढ़ लाख की फिरौती को अपहरण किया। बदमाशों ने फिरौती लेकर भी नहीं छोड़ा, पुलिस ने शहर के मोहल्ला शिवपुरम से अपह्त युवक को मुक्त कराकर बरामद किया।तत्कालीन थाना प्रभारी एके गौतम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई 24 साल 02 माह पहले किए गए दीपेश नाम के लड़के अपहरण करके फिरौती मांगने के आरोपियों को विशेष न्यायधीश डकैती ने ग्यारह लोगों को दोषी करार दिया है जिसमें दस लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और एक दोषी को दस वर्ष की सजा सुनाई न्यायालय ने सभी दोषियों पर अलग _अलग जुर्माना भी लगाया। अवगत करा दे दीपेश के पिता गिरीश चंद्र ने एक सूचना थाना बिसौली पर इस आशय से दी कि दिनांक 9 दिसम्बर 2000 को शाम पांच बजे के करीब वह बरसी की दावत देने के सिलसिले में मोटर साइकिल से गया हुआ था तभी बिसौली बापिस आते समय संग्रामपुर से निकला और फिर बापिस नहीं आया। पिता ने कई जगह तलाश करी पर नहीं मिला। तब पुलिस ने केस पंजीकृत कर विवेचना शुरू कर कार्यवाही शुरू करी जिसमें दीपेश को शहर के शिवपुरम के पास जगह से बरामद किया गया। विवेचना में जिसमें पप्पू उर्फ जाहिद, पूरन, महेश शाहिद, राकेश कुमार पाठक, आनंद, सुभाष, सर्वेंद्र, प्रवेश, कुंवर पाल उर्फ कुंवर सिंह, पप्पू, अमरपाल, नन्हे पाठक, राधेश्याम व परमानंद के विरुद्ध डकैती, फिरौती के लिए अपहरण आपराधिक षडयंत्र सहित अन्य धाराओं में आरोप पत्र प्रेषित किया वही बाहर मियां, दलीप व नूर मोहम्मद को भी आरोपी बनाया गया। इसी मामले में प्रवेश, राकेश पाठक,शाहिद और राधेश्याम की मृत्यु होने पर पत्रावली उपशमित कर दी गई वही एक आरोपी सर्वेंद्र की न्यायालय न आने की वजह से पत्रावली अलग कर दी गई। तब से मामल न्यायालय मेरे विचाराधीन था गुरुवार को न्यायालय ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन कर व दलीलें सुनने के बाद पप्पू उर्फ जाहिद, आनदं, रमेश, अमर पाल, पूरन, महेश, सुभाष, नन्हे, परमानन्द और बहार मियां को आजीवन कारावास की सजा सुनाई व जुर्माना लगाया तथा एक दोषी कुंवर पाल उर्फ कुंवर सिंह को दस वर्ष की सजा सुनाई साथ ही जुर्माना भी लगाया। वही इसी मामले के दो आरोपी महेश और पूरन को अवैध तमंचा रखने के जुर्म में भी सजा सुनाई और जुर्माना लगाया