प्रयागराज।।महाकुम्भ में धर्म और संस्कृति के महासंगम में संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा विभिन्न पंडालों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है इसी क्रम में बरेली मंडल में बदायूं से एकमात्र शास्त्रीय गायिका डॉ सविता चौहान को विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के बनाये गए रानी दुर्गावती पंडाल के मंच पर प्रस्तुति देने का अवसर मिला । डॉ सविता ने मंच पर भजन और लोकगीतों की प्रस्तुति दी जिसमें श्री राम स्तुति, रामा रामा रटते रटते, मेरे सरकार आए हैं आदि भजन प्रस्तुत किये। स्वरचित लोकगीतों में ‘महाकुम्भ में हमका घुमाय दे गंगा दर्शन करवाय दे पिया न, बारह वर्ष में कुम्भ नहाएं, अमृत पान का पुण्य कमाएं, पिया संगम में डुबकी लगवाए दे, गंगा दर्शन करवाय दे पिया न …’ गीत ने खूब वाहवाही बटोरी, साथ ही ये प्रयागराज है…गीत को दोबारा सुनाने की फरमाइश हुई, संगतकार में ऑर्गन पर दीपक कुमार, ऑक्टोपैड पर सुनील मिश्रा और ढोलक पर दिशांत शर्मा प्रयागराज से रहे, डॉ सविता चौहान ने शास्त्रीय संगीत की परास्नातक शिक्षा भातखण्डे संगीत संस्थान लखनऊ और पी एच डी महात्मा गाँधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय सतना मप्र से की है, वर्तमान में प्रयाग संगीत समिति से सम्बद्ध स्वरांजलि म्यूजिक अकादमी की संचालिका हैं जिसके माध्यम से शास्त्रीय संगीत की एमए तक की संगीत शिक्षा देकर संगीत के विद्यार्थियों को शिक्षित कर रही हैं साथ ही संगीत के क्षेत्र में विभिन आयामों से संगीत अभ्यर्थियों को अवगत करा कर उन्हें जागरूक कर संगीत को विषय के रूप में लेने के लिए प्रेरित भी करती हैं। आपने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा उझानी निवासी स्व महीपाल सिंह चौहान व उच्च शिक्षा ग्वालियर घराने के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक डॉ जयंत खोत से से ली है जो वर्तमान में संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष है। डॉ सविता चौहान स्व राजकुमार सिंह की सुपुत्री और ज्ञानेंद्र चौहान की पत्नी हैं । आप अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरू, माता पिता और पति को देती हैं ।