लखनऊ। यूपी उपचुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रही हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर विवादित दे डाला। उनका बयान अब राजनीति के साथ धार्मिक रंग ले रहा है। इस पर संत समाज ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। दरअसल, खरगे ने सीएम योगी के गेरुआ वस्त्रों को नफरत की राजनीति को लेकर बयानबाजी की थी। इस पर एनडीए के घटक दलों के साथ संत समाज कांग्रेस को आड़े हाथों ले रहा है। संतों का कहना है कि खरगे के बयान से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। साथ ही भाजपा के सहयोगी दल भी खरगे के बयान पर आपत्ति जता रहे हैं। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि यहा कांग्रेस की पुरानी मानसिकता है। कांग्रेस का इतिहास हमेशा से झूठ बोलने और समाज में दरार डालने वाला रहा है। कांग्रेस ने कभी भी हिन्दू धर्म और सनातन संस्कृति का सम्मान नहीं किया। उन्हें अपने बयान के लिए संतों से माफी मांगनी चाहिए। इसके अलावा कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भी कांग्रेस पर पलटवार किया। कहा कि कांग्रेस का इतिहास लोगों को बांटकर सत्ता हासिल करने का है। पिछड़े, दलित और मुस्लिम समुदायों को धोखा दिया है। सत्ता में रहते हुए कभी शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और किसानों के हित पर ध्यान नहीं दिया।अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि खरगे का बयान घटिया और निंदनीय है। चेतावनी दी कि यदि हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति पर हमला करना बंद नहीं किया, तो संत समाज कड़ा प्रतिकार करेगा। उन्होंने कांग्रेस को ऑल इंडिया चर्च कमेटी बताया। अयोध्या के संत स्वामी करपात्री जी महाराज ने भी खरगे के बयान की कड़ी निंदा की। कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे के नाम में ‘खड़ग’ होता है। उसका काम होता है बांटना और काटना। जबकि योगी आदित्यनाथ का नाम ‘योग’ से जुड़ा है। जिसका मतलब होता है जोड़ना।